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11 दिन पहले
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- एक कंजूस ने पेड़ के नीचे गड्ढे में छिपा रखे थे सोने के सिक्के, कंजूस रोज अपने सिक्के देखने जाता था, एक दिन चोर ने उसके सिक्के देख लिए
धन वही उपयोगी है जो सही समय पर काम आ जाए। सदुपयोग के बिना धन व्यर्थ होता है। जो लोग धन बचाकर रखते हैं और जरूरत होने पर भी खर्च नहीं करते हैं, उनके जीवन में परेशानियां बढ़ जाती हैं। इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है। जानिए ये कथा…
प्रचलित कथा के अनुसार पुराने समय में एक व्यक्ति बहुत कंजूस था। एक दिन उसे सोने के सिक्कों से भरी पोटली मिल गई। कंजूस व्यक्ति सिक्के देखकर खुश हो गया। उसके परिवार में पैसों की कमी रहती थी। इस वजह से उसकी पत्नी और बच्चे दुखी थे। जब कंजूस को सोने के सिक्के मिले तो उसने उस पोटली को एक पेड़ के नीचे गड्ढा खोदकर छिपा दिया।
कंजूस ने सिक्कों का उपयोग नहीं किया। वह सिर्फ अपने उन्हें रोज देख-देखकर ही खुश होता था। वह व्यक्ति रोज उस पेड़ के पास जाता और गड्ढे में से सिक्के निकालकर देखता था। ऐसा कई दिनों तक चलता रहा। एक दिन एक चोर ने उस कंजूस व्यक्ति का पीछा किया और उसने सोने के सिक्के देख लिए।
अगले दिन मौका मिलते ही चोर उस पेड़ के पास पहुंचा और गड्ढा खोदकर सोने के सिक्के लेकर भाग गया। जब कंजूस व्यक्ति वहां पहुंचा तो उसे मालूम हुआ कि उसके सिक्के चोरी हो गए हैं। वह रोने लगा और अपनी पत्नी को ये बात बताई।
कंजूस की पत्नी क्रोधित होते हुए कहा कि तुम्हारी कंजूसी की वजह से हमारे हाथ आया गरीबी दूर करने का अच्छा अवसर निकल गया है। तुम पहले बता देते तो उस धन से हमारे परिवार की सभी परेशानियां दूर हो सकती थीं। अब रोने से क्या लाभ? वैसे भी तुम्हारे लिए सोने का क्या काम, वह तो वैसे ही गड्ढे में दबा हुआ था। अब रोज इस गड्ढे को ही देख लेना।
कथा की सीख
इस प्रसंग का संदेश ये है कि जो लोग अपने धन का सही समय पर उपयोग नहीं करते हैं, वे और उनका परिवार हमेशा दुखी रहता है। इसीलिए धन का उपयोग कर लेना चाहिए। वरना बाद में पछताना पड़ता है।
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