[ad_1]
भागलपुर3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

- पीजी हेड के फेर में फंसे असिस्टेंट प्रोफेसर बहाली, पैट व एरियर के मामले
- एरियर भुगतान के लिए दावा रजिस्ट्रार ने और अन्य दो जानकारी डीन ने मांगी है
टीएमबीयू के कई पीजी हेड न ताे विश्वविद्यालय का प्रशासनिक आदेश मानते हैं अाैर न सीनियराें का निर्देश। इस वजह से तीन बड़े मामले अटके हुए हैं।
इनमें 7वें वेतनमान का एरियर, पैट के बाद रिक्ति और असिस्टेंट प्राेफेसर बहाली के लिए मानक वाले शाेध जर्नल की सूची शामिल है। तीनाें मामलाें में ज्यादातर पीजी हेड पीछे रहे। कुछ मामलाें में बार-बार रिमाइंडर और पत्र देने के बाद भी हेड ने जानकारी नहीं दी। टीएमबीयू में मार्च में ही शिक्षकाें के 7वें वेतनमान के एरियर की राशि अा गई थी। इसके भुगतान के लिए पहले ताे टीएमबीयू प्रशासन ही काेई एक तरीका नहीं तय कर पा रहा था। बाद में राज्य सरकार के वेतन सत्यापन काेषांग से शिक्षकाें का वेतन पुर्जा जारी हाेने काे लेकर मामला अटकता रहा। इस बीच रजिस्ट्रार ने कई बार पीजी हेड से संबंधित शिक्षकाें के दावे से जुड़े डाॅक्यूमेंट मांगे। हालांकि इस मामले में कुछ पीजी हेड का तर्क यह था कि जाे जानकारी विश्वविद्यालय उनसे मांग रहा है वह खुद उसके पास पहले से उपलब्ध है। इस खींचतान में भुगतान का मामला अटका हुआ है। इधर भुस्टा अध्यक्ष डाॅ. डीएन राय ने कहा कि ज्यादातर डाॅक्यूमेंट दिया जा चुका है। बाकी से अंडरटेकिंग लेकर विश्वविद्यालय भुगतान करे। इधर तीन बार रिमाइंडर देने के बाद भी कई पीजी हेड ने पैट के बाद पीएचडी में बची रिक्ति की जानकारी नहीं दी है। विश्वविद्यालय की साेच है कि सीटें खाली हाेंगी ताे फिर पैट लेने पर विचार किया जाएगा।
सीसीडीसी डाॅ. केएम सिंह ने इसके साथ पैट के इंटरव्यू में शामिल हुए छात्राें की रिपाेर्ट भी बार-बार मांगी है। पिछले हफ्ते इसके लिए पीजी हेड काे फिर पत्र दिया है। उधर असिस्टेंट प्राेफेसर बहाली के लिए बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयाेग ने मानक वाले जर्नल की सूची 6 अक्टूबर तक ही मांगी थी। डीन डाॅ. बहादुर मिश्र और डाॅ. अशाेक ठाकुर ने पीजी हेड से सूची मांगी थी। दाे-चार हेड ने ही सूची दी।
[ad_2]
Source link