महिला आयोग की प्रमुख पर की गई टिप्पणी ने भड़काई बहस
तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद Mahua Moitra ने हाल ही में नेशनल कमीशन फॉर वीमेन (NCW) की प्रमुख रेखा शर्मा पर की गई टिप्पणी के कारण एक बार फिर चर्चा में आया है। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम इकाई (IFSO) ने मोइत्रा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है, जो किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले कार्य, इशारे या कार्यवाही से संबंधित है। मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ (पहले ट्विटर) पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें रेखा शर्मा को हाथरस में एक घटनास्थल पर पहुंचते हुए दिखाया गया था, जिससे मामला शुरू हुआ।
टिप्पणी और विवाद की शुरुआत
Mahua Moitra ने पोस्ट किए गए वीडियो में रेखा शर्मा के पीछे एक व्यक्ति छाता लगा रहा था। मोइत्रा ने इस वीडियो पर एक टिप्पणी की, जिसे बाद में हटा लिया। NCW ने वीडियो दृश्य के कारण मोइत्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। 4 जुलाई को पोस्ट किए गए वीडियो ने बहस पैदा की और NCW ने इसे महिला की गरिमा का उल्लंघन बताते हुए दिल्ली पुलिस से कार्रवाई की मांग की।
NCW की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय महिला आयोग ने शिकायत पत्र में कहा, “मोइत्रा द्वारा की गई टिप्पणियां अत्यंत आपत्तिजनक और महिला के गरिमा के अधिकार का उल्लंघन करती हैं।”NCW ने इसके जवाब में दिल्ली पुलिस से तीन दिनों के भीतर एक विस्तृत कार्यवाही रिपोर्ट की मांग की है। NCW की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मामले को गंभीरता से लिया और दिल्ली पुलिस को तुरंत कार्रवाई करने का आदेश दिया।
Mahua Moitra की प्रतिक्रिया
NCW पोस्ट पर Mahua Moitra ने कहा, “दिल्ली पुलिस कृपया तुरंत कार्रवाई करें।” मैं नदिया में हूं, अगर आपको अगले 3 दिनों में मेरी गिरफ्तारी करनी है तो मैं तैयार हूं। मैं खुद अपना छाता पकड़ सकता हूँ।लोगों ने इस टिप्पणी को मोइत्रा के साहसिक और आत्मविश्वासी व्यक्तित्व के रूप में देखा, जो और भी बवाल मचाया।
कानून और महिला गरिमा
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी कार्य, इशारे या कृत्य को सजा देता है। इस कानून का लक्ष्य महिलाओं की गरिमा और सम्मान की रक्षा करना है। इस मामले में, प्रश्न उठता है कि क्या Mahua Moitra की टिप्पणी कानून का उल्लंघन करती है? क्या यह वास्तव में राजनीतिक संघर्ष का परिणाम है या महिला गरिमा का उल्लंघन?
सोशल मीडिया की भूमिका
आज के समय में सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गया है जिसमें लोग अपने विचारों और विचारों को साझा कर सकते हैं। हालाँकि, इस प्लेटफार्म का दुरुपयोग भी एक महत्वपूर्ण समस्या बन गया है। महुआ मोइत्रा द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो और उसकी प्रतिक्रिया ने सवाल उठाया कि क्या सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है?
Mahua Moitra के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी एक महत्वपूर्ण मामला है जो भारतीय न्यायपालिका और महिला गरिमा के संरक्षण के कानूनों को परीक्षण करेगा। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदालतें इस मामले को कैसे लेती हैं और क्या यह वास्तव में राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का परिणाम है या महिला गरिमा का उल्लंघन है।
Mahua Moitra और रेखा शर्मा के बीच यह विवाद भारतीय राजनीति में एक नई बहस की शुरुआत कर सकता है, जिसमें महिलाओं की गरिमा और सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर नए सवाल उठ सकते हैं। हमें यह समझना होगा कि महिलाओं की गरिमा और सम्मान को केवल कानूनों से नहीं बचाया जा सकता, बल्कि सामाजिक जागरूकता और नैतिक जिम्मेदारी से भी बचाया जा सकता है।