mahabharata facts, arjun and krishna, Arjun used to respect his elder brother, but during the war, Arjun wanted to kill Yudhishthira | अर्जुन बड़े भाई का करते थे सम्मान, लेकिन युद्ध के समय उन्होंने युधिष्ठिर को मारने के लिए उठा ली थी तलवार

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  • महाभारत के तथ्य, अर्जुन और कृष्ण, अर्जुन अपने बड़े भाई का सम्मान करते थे, लेकिन युद्ध के दौरान, अर्जुन युधिष्ठिर को मारना चाहते थे
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  • श्रीकृष्ण के कहने पर अर्जुन और युधिष्ठिर का विवाद खत्म हुआ

महाभारत का युद्ध चल रहा था। तब एक दिन युधिष्ठिर और कर्ण, दोनों आमने-सामने आ गए। कर्ण ने युधिष्ठिर को पराजित कर दिया और वे कर्ण के प्रहारों से घायल हो गए। किसी तरह बचते हुए अपने शिविर तक पहुंचे।

जब ये बात अर्जुन को मालूम हुई तो वे युधिष्ठिर से मिलने पहुंचे। युधिष्ठिर सोच रहे थे कि अर्जुन ने कर्ण से मेरे अपमान का बदला ले लिया होगा, इसीलिए ये मिलने आया है। लेकिन, जब युधिष्ठिर को कर्ण के जीवित होने की बात पता चली तो वे अर्जुन पर क्रोधित हो गए। युधिष्ठिर ने गुस्से में कह दिया कि तुम्हें गांडीव और धनुष किसी और दे देना चाहिए। तुम अपने भाई की रक्षा नहीं कर सके।

ये बात सुनते ही अर्जुन क्रोधित हो गए। अर्जुन ने युधिष्ठिर को मारने के लिए तलवार उठा ली। उस समय श्रीकृष्ण भी वहीं मौजूद थे। उन्होंने अर्जुन से पूछा कि ये क्या कर रहे हो?

तब अर्जुन ने कहा कि मैंने प्रतिज्ञा ले रखी कि जो कोई मेरे गांडीव और धनुष का अपमान करेगा, मैं उसका वध कर दूंगा। श्रीकृष्ण समझ गए कि अगर ये विवाद शांत नहीं हुआ तो अनर्थ हो जाएगा। तब उन्होंने अर्जुन से कहा कि तुम एक काम करो अपने बड़े भाई का अपमान कर दो। छोटे भाई के द्वारा बड़े भाई का अपमान करने को वध समान ही माना गया है।

अर्जुन ने श्रीकृष्ण की बात मानकर युधिष्ठिर को अपमानजनक बातें कहीं। अर्जुन ने युधिष्ठिर को तू कहकर बोला कि तेरी वजह से ही ये युद्ध हो रहा है, तूने ही द्युत क्रीड़ा में सबकुछ हारा था, आज तेरी वजह से ये हालात हो गए हैं। इस तरह की अपमानजनक बातें कहने के बाद अर्जुन का मन शांत हुआ तो वे उदास हो गए।

बड़े भाई के अपमान से दुखी होकर अर्जुन ने आत्महत्या करने का मन बना लिया। तब श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि तुम स्वयं की झूठी प्रशंसा करो। ऐसा करने वाले लोगों के लिए यही माना जाता है कि वह मर गया है। अर्जुन ने ये बात भी मान ली। इस तरह श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर और अर्जुन के प्राण बचा लिए।



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