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- Maa Siddhidatri Puja Mantra | Navami Maa Siddhidatri Devi Puja Vidhi | Importance (Mahatva) And Significance On Navaratri 9th Day
15 दिन पहले
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नवरात्रि के नौवें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। जैसा कि इनके नाम से ही स्पष्ट है कि मां सिद्धिदात्री सभी प्रकार की सिद्धियों को देने वाली देवी हैं। शास्त्रों के अनुसार महादेव ने भी माता सिद्धिदात्री की कठोर तपस्या कर इनसे सभी आठ सिद्धियां प्राप्त की थीं। इन्हीं देवी की कृपा से ही महादेव की आधी देह देवी की हो गई थी और वे अर्धनारीश्वर कहलाए थे। नवरात्र के नौवें दिन इनकी पूजा के बाद ही नवरात्र का समापन माना जाता है।
महत्त्व
शास्त्रों के अनुसार अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व नामक आठ सिद्धियां हैं। ये सभी सिद्धियां मां सिद्धिदात्री की आराधना से प्राप्त की जा सकती हैं। हनुमान चालीसा में भी अष्टसिद्धि नव निधि के दाता कहा गया है।
स्वरूप
सामान्य रूप से मां सिद्धिदात्री कमल पुष्प पर आसीन होती हैं, हालांकि इनका भी वाहन सिंह है। मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा मेंं गदा और दूसरी भुजा में चक्र है। बांई ओर की भुजाओं में कमल और शंख है।
नंदा पर्वत पर है प्रसिद्ध तीर्थ
हिमाचल का नंदा पर्वत माता सिद्धिदात्री का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। मान्यता है कि जिस प्रकार इस देवी की कृपा से भगवान शिव को आठ सिद्धियों की प्राप्ति हुईं, ठीक उसी तरह इनकी उपासना करने से अष्ट सिद्धि और नव निधि, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है।
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