Labor is anti-amendment in labor rules, exploitation will increase with snatching facilities | मजदूर विरोधी है श्रम नियमों में संशोधन, सुविधाएं छिनने के साथ ही बढ़ेगा शोषण

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रिकांगपिओ12 दिन पहले

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ऊना में भारतीय मजदूर संघ डीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।

केंद्र व प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा का फ्रंटल संगठन भारतीय मजदूर संघ श्रम नियमों में किए गए संशोधनों के विरोध में बुधवार को बिलासपुर में सड़कों पर उतर पड़ा। भामसं कार्यकर्ताओं ने ऊना, धर्मशाला में इन संशोधनों में सुधार करने, पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने व आशा व मिड-डे मील वर्कर्स, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं और सिलाई अध्यापिकाओं को प्रतिमाह न्यूनतम 18 हजार वेतन देने व उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित करने जैसी मांगों को लेकर नारेबाजी की।

बाद में प्रधानमंत्री और केंद्रीय श्रम मंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया। भामसं के जिला अध्यक्ष शालीग्राम व सचिव नानकचंद ठाकुर की अगुवाई में डीसी ऑफिस कॉम्प्लेक्स पहुंचे कार्यकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने हाल ही में श्रम नियमों में संशोधन किए हैं। औद्योगिक अधिनियम में 100 से कम श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को छंटनी या फैक्टरी बंद करने के लिए सरकार से अनुमति नहीं लेनी पड़ती है।

इस संख्या को बढ़ाकर 300 कर दिया गया है। उधर धर्मशाला में भारतीय मजदूर संघ ने धर्मशाला में श्रम कानूनों के विरोध में प्रदर्शन किया। भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन राणा के नेतृत्व में दिए गए धरने के दौरान उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर मांग उठाई गई कि कर्मचारी विरोधी श्रम कानूनों को वापस लिया जाए। उन्होंने चेताया है कि यदि उनकी मांगों को नहीं माना तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

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