Kisan Mahapanchayat: फिर जुटेंगे हजारों किसान, इन रास्तों पर लग सकता है जाम

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Kisan Mahapanchayat In Delhi: संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की ओर से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में सोमवार को किसान महापंचायत को लेकर पुलिस ने सुरक्षा की चाक चौबंद इंतजाम किए हैं. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ” किसान महापंचायत शांतिपूर्ण ढंग से हो और शहर में कानून व्यवस्था बनी रहे यह सुनिश्चित करने के लिए हमने 2,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है. सुरक्षा को लेकर व्यापक स्तर पर व्यवस्था की गई है.

 

ट्रैफिक एडवायजरी की जारी
इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा ने 19 मार्च रविवार को एक बैठक करने के बाद बताया था कि दिल्ली के रामलीला मैदान में 20 मार्च को होने वाली किसान महापंचायत में देश के सभी राज्यों से लाखों किसान हिस्सा लेने के लिए पहुंचने वाले हैं. रामलीला मैदान में किसान महापंचायत के आयोजन को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर लोगों को सप्ताह की शुरुआत में कुछ रास्तों से बचने की सलाह दी है. एडवायजरी के मुताबिक रामलीला मैदान के आसपास की सड़कों खासकर जवाहर लाल नेहरु मार्ग से दिल्ली गेट से अजमेरी गेट चौक तक के रास्तों से परहेज करने के लिए कहा गया है.

 

मैदान में किसान महापंचायत के आयोजन को लेकर दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी की जारी

 

क्या है किसानों की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार को 9 दिसंबर 2021 को दिए गए लिखित आश्वासन को पूरा करना चाहिए. साथ ही देश के किसानों के सामने बढ़ते संकट को दूर करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए. मोर्चा ने एमएसपी पर गठित समिति को किसानों की मांग के विपरीत बताते हुए भंग करने की मांग की. इसके अलावा किसानों को पेंशन देने, कर्ज माफ करने, गांवों में सभी घरों को हर महीने 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने, किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को मुआवजा देने और संयुक्त संसदीय समिति को भेजे गए बिजली संशोधन विधेयक-2022 को वापस लेने की मांग की है.

 

एक साल तक चला था किसान आंदोलन
संयुक्त किसान मोर्चा ने इससे पहले साल 2021 में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ करीब एक साल तक किसान आंदोलन चलाया था. केंद्र सरकार की ओर से विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने, प्रदर्शन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने और एमएसपी की गारंटी समेत तमाम लंबित मांगों पर विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद इस किसान आंदोलन को वापस ले लिया गया था. मोर्चा ने तब चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो फिर से किसान आंदोलन शुरू किया जाएगा.

 

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