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दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की तरह, अब ‘सत्यजीत रे पुरस्कार’ की शुरुआत होने वाली है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कोलकाता में राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में महान फिल्मकार सत्यजीत रे के नाम पर राष्ट्रीय स्तर के एक फिल्म पुरस्कार की घोषणा की है।
सत्यजित राय भारत के महान फ़िल्म निर्देशक में से थे | जिन्हें २०वीं शताब्दी के सर्वोत्तम फ़िल्म निर्देशकों में गिना जाता है। राय ने अपने जीवन में 37 फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म पथेर पांचाली को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। यह फ़िल्म अपराजितो और अपुर संसार के साथ इनकी प्रसिद्ध अपु त्रयी में शामिल है।अब भारत सरकार उनके इन उपलधियों के लिए सम्मानित करने जा रहा है | दादासाहेब फाल्के पुरस्कार की तरह, अब ‘सत्यजीत रे पुरस्कार’ की शुरुआत होने वाली है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कोलकाता में राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में महान फिल्मकार सत्यजीत रे के नाम पर राष्ट्रीय स्तर के एक फिल्म पुरस्कार की घोषणा की है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने पश्चिम बंगाल के प्रमुख अभिनेताओं और निर्देशकों के साथ बातचीत की। हालांकि ‘सत्यजीत रे पुरस्कार’ पर अभी अधिक विवरण उपलब्ध नहीं हो सका है।
खास बात है कि पश्चिम बंगाल में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। लिहाजा, इस खबर को चुनाव के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। समारोह में उपस्थित वरिष्ठ अभिनेत्री और बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने कहा कि यह बहुत अच्छा है कि सत्यजीत रे के नाम पर एक पुरस्कार की स्थापना की जा रही है। इसकी योजना काफी समय से चल रही है।निर्देशक अरिंदम सिल ने कहा कि बंगाली फिल्म उद्योग को कैसे विकसित किया जाए, इस पर केंद्रीय मंत्री के साथ चर्चा हुई।कार्यक्रम में अभिनेत्री पाओली डैम, अबीर चट्टोपाध्याय, रितुपर्ना सेनगुप्ता, निर्देशक गौतम घोष, शास्त्रीय गायक रशीद खान, गायक-केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
सत्यजीत रे को सर्वोत्तम फिल्म निर्देशकों में गिना जाता है। इन्होंने महानगर, पाथेर पंचाली, शतरंज के खिलाड़ी, चारुलता, देवी, अपु ट्रिलजी जैसी फिल्मों का निर्माण किया। सत्यजीत रे पहले और अकेले ऐसे भारतीय हैं जिन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट ऑस्कर से नवाजा गया था। हालांकि वह बीमारी के चलते इसे लेने नहीं जा पाए थे।
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