Kathua में आतंकी हमला: वीर जवानों की शहादत से दहला Kashmir

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Kashmir घाटी में 48 घंटों में चौथी घटना, सुरक्षा बलों की चुनौती बढ़ी

जम्मू-Kashmir के Kathua जिले में सोमवार को आतंकवादियों ने सेना के काफिले पर हमला कर दिया, जिसमें पांच सैनिक शहीद हो गए और पांच अन्य घायल हो गए। यह हमला कश्मीर घाटी में पिछले 48 घंटों में चौथी आतंकी घटना है, जिसने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति को और अधिक चिंताजनक बना दिया है।

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घातक हमला: घटनास्थल पर संघर्ष

हमला जेंदा नाला, बडनोटा गांव में हुआ, जो Kathua शहर से 124 किलोमीटर दूर स्थित है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, दो दिशाओं से काफिले पर गोलीबारी की गई जब काफिला वहां पहुंचा। हमला लगभग 3:30 बजे हुआ, जब सेना की 9 कोर (राइजिंग स्टार कोर) के गश्ती वाहन इस घातक हमले का शिकार बने।

आतंकियों के हमले का जवाब

हमले के तुरंत बाद, सेना ने आतंकवादियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। यह मुठभेड़ अभी भी जारी है। आतंकवादियों की सटीक संख्या का पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, हमलावर पहाड़ी की ओर से आए थे। एक ट्रक आतंकवादियों की गोलीबारी का मुख्य निशाना बना।

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अतिरिक्त बलों की तैनाती और पैराट्रूपर्स की भूमिका

हमले के बाद, सेना ने तुरंत अतिरिक्त बलों को मौके पर भेजा ताकि आतंकवादी भाग न सकें। शाम को पैराट्रूपर्स को हवाई मार्ग से उतारा गया ताकि घेराबंदी को और सख्त किया जा सके। गंभीर रूप से घायल सैनिकों को कठुआ के अस्पताल में स्थानांतरित किया गया, जबकि कुछ का इलाज स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में किया गया।

आतंकवाद का पृष्ठभूमि

यह हमला हिजबुल मुजाहिदीन के ‘कमांडर’ बुरहान वानी की पुण्यतिथि पर हुआ, जिसे 8 जुलाई, 2016 को दक्षिण कश्मीर में एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था। यह घटना उस समय भी चिंताजनक है जब भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चार दिन पहले ही कठुआ का दौरा किया था और राइजिंग स्टार कोर द्वारा उन्हें स्थिति की जानकारी दी गई थी।

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हालिया आतंकी घटनाओं की श्रंखला

कश्मीर में यह पिछले 48 घंटों में चौथी आतंकी घटना है। 6 और 7 जुलाई को दक्षिण कश्मीर में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आतंकवादी और दो सैनिक मारे गए थे। राजौरी में शनिवार सुबह हुए एक हमले में एक सैनिक घायल हो गया था।

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पहले की घटनाएँ

11 और 12 जून को हुए दोहरे मुठभेड़ों में दो आतंकवादी और एक CRPF जवान मारे गए थे और छह सुरक्षा कर्मी घायल हुए थे। 27 जून को डोडा में तीन गैर-स्थानीय आतंकवादियों को मार गिराया गया था। 9 जून को आतंकवादियों के एक हमले में नौ तीर्थयात्री मारे गए थे।

जम्मू क्षेत्र में बढ़ती आतंकी गतिविधियाँ

इस साल जम्मू क्षेत्र की जुड़वां घाटियों, चिनाब घाटी और पीर पंजाल घाटी में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि देखी गई है। इन क्षेत्रों में आतंकवादियों की बढ़ती गतिविधियाँ सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही हैं।

Kathua में सेना के काफिले पर हुए हमले ने फिर से यह साबित कर दिया है कि कश्मीर घाटी में आतंकवाद की समस्या अभी भी गंभीर है। सुरक्षा बलों को इन हमलों का जवाब देने और क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। इस हमले ने न केवल सैनिकों के बलिदान को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई में हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है।

इस तरह की घटनाएँ हमें यह याद दिलाती हैं कि कश्मीर में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए हमें निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ, हमें स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर शांति और विकास के लिए काम करना होगा। केवल तब ही हम इस खूबसूरत घाटी में स्थायी शांति ला सकेंगे और आतंकवाद के खतरे को पूरी तरह से समाप्त कर सकेंगे।

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