kartika month till 30 November, significance of kartika month, importance of kartika month, old tradition about kartika month, diwali 2020 | 30 नवंबर तक कार्तिक मास, इस माह में भगवान विष्णु की पूजा और नदी में स्नान करने की है परंपरा

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4 दिन पहले

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  • कार्तिक माह में विश्राम से जागते हैं विष्णुजी और शुरू होते हैं विवाह आदि मांगलिक कर्म

हिन्दी पंचांग का आठवां माह कार्तिक शुरू हो गया है। माह 30 नवंबर तक रहेगा। इस महीने में करवा चौथ (4 नवंबर), पांच दिवसीय दीपोत्सव (12 से 16 नवंबर तक), देवउठनी एकादशी (25 नवंबर) और कार्तिक पूर्णिमा (30 नवंबर) जैसे बड़े पर्व मनाए जाएंगे। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार कार्तिक माह में भगवान विष्णु की पूजा और नदी में स्नान करने की परंपरा है। कई लोग इस माह में नदी में दीपदान भी करते हैं।

सूर्योदय से पहले छोड़ देना चाहिए बिस्तर

कार्तिक मास में भक्ति, पूजा-पाठ से धर्म लाभ और ध्यान-योग करने से स्वास्थ्य को लाभ मिलते हैं। इस माह में रोज सुबह सूर्योदय से पहले बिस्तर छोड़ने की परंपरा है। स्नान आदि कर्मों के बाद अपने इष्टदेव के मंत्र जाप करें। सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। ध्यान-योग करें। इन शुभ कामों में से धर्म के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। दिनभर मन शांत रहता है और सोच सकारात्मक बनती है।

कार्तिकेय स्वामी की वजह से इस माह को कहते हैं कार्तिक

मान्यता है कि प्राचीन समय में इसी माह में शिवजी के पुत्र कार्तिकेय स्वामी ने तारकासुर नाम के दैत्य का वध किया था। इससे प्रसन्न होकर शिवजी ने इस माह को कार्तिक नाम दिया। माह में किए गए पूजा-पाठ से अक्षय पुण्य मिलता है।

दान-पुण्य करने का है विशेष महत्व

तीर्थ दर्शन, नदी में स्नान करने के साथ ही इस माह में दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। जरूरतमंद लोगों को गर्म वस्त्र, खाने-पीने की चीजें और धन का दान करना चाहिए। अब ठंड शुरू हो जाएगी, ऐसी स्थिति में कंबल का दान भी कर सकते हैं। किसी गौशाला में धन और हरी घास का दान करें।

ये बातें भी ध्यान रखें

इस माह में पूजा-पाठ करने वाले भक्तों को क्रोध और लालच से बचना चाहिए। घर में क्लेश न करें और प्रेम बनाए रखें। अपना काम ईमानदारी से करेंगे तो देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता मिल सकती है। जो लोग इन बातों का ध्यान नहीं रख सकते हैं, उन्हें पूजा-पाठ करने का पूरा पुण्य नहीं मिल पाता है।

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