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- करतारपुर कॉरीडोर 8 साल बाद बंद, 1 साल बाद कॉरीडोर 8 महीने बाद बंद
जालंधर/डेरा बाबा नानक41 मिनट पहले
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बाबे नानक दी राह श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुले हुए सोमवार को 1 साल पूरा हो गया। 9 नवंबर 2019 को भारत की तरफ से कॉरिडोर का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी और इसके बाद पाकिस्तान की ओर से पीएम इमरान खान ने किया था।
कोरोना के कारण 16 मार्च से कॉरिडोर बंद है। इसलिए संगत उस पार गुरुघर के दर्शन को नहीं जा पाईं। इससे पहले 4 महीने में 62,939 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। आखिरी जत्थे में 7641 श्रद्धालु 1 से 15 मार्च तक दर्शन कर लौटे थे।
फिर कोरोना ने इनकी राह रोक दी। पिछले साल गुरुपर्व पर श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर कॉरिडोर बिना फीस और पासपोर्ट के खोल दिया था।
लेकिन इस बार 30 नवंबर को गुरुपर्व पर कॉरिडोर खुलने के आसार कम हैं। इसलिए इस बार 28 से 30 नवंबर तक कई जत्थे और संगत जीरो लाइन के पास बाबे दी अरदास करेगी। इसको लेकर डीसी से मीटिंग भी हो चुकी है। वहीं, शिअद समेत कई दलों और संस्थाओं ने गुरुपर्व पर कॉरिडोर खोलने के लिए पीएम और राष्ट्रपति को पत्र लिखा है।
अब तक क्या…आगे क्या
प्रोजेक्ट का नाम बदला, मुस्लिमों को सौंपी जिम्मेदारी
परियोजना का नाम बदलकर करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट कर दिया है। इससे सिखों को बाहर रखा गया है। सभी नौ सदस्य मुस्लिम हैं।
करतारपुर कॉरिडोर खोलना चाहता है पाकिस्तान…ये हैं 3 कारण 1. गिरती अंतरराष्ट्रीय साख संभाल सके। 2. कॉरिडोर से होने वाली आमदनी बहाल हो। 3. पृथकवादी एजेंडे को आगे बढ़ा सके।
कोविड-19 के कारण अभी कॉरिडोर खोलना मुश्किल
निर्णय कोविड-19 के प्रोटोकॉल के अनुसार लेंगे। संबंधित अधिकारियों से संपर्क है। अभी आसार कम। –अनुराग, प्रवक्ता विदेश मंत्रालय
पाक ने अभी तक नहीं बनाया पुल
दोनों पक्षों ने अक्टूबर 2019 को पाकिस्तान की ओर से बूढ़ी रावी पर पुल बनाने का निर्णय लिया था लेकिन अभी तक नहीं बना। इस संंबंधी 27 अगस्त को दोनों देशों की टीमें मिलीं थीं।
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