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शिमला16 घंटे पहले
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- किसी भी तरह का इलाज शुरू करने से पहले रिपोेर्ट जरूरी
एक तरफ ताे सरकार कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने का दावा कर रही है, मगर दूसरी ओर अस्पतालाें में मरीजाें काे काेराेना रिपाेर्ट लेने के लिए ही दाे से तीन दिन तक का इंतजार करना पड़ रहा है। यही हाल आजकल आईजीएमसी अस्पताल में हाे रहा है। यहां पर लैब से कई मरीजाें काे दाे-दाे दिनाें तक टेस्ट की रिपाेर्ट ही नहीं मिल पाती। कई मरीजाें का इलाज से पहले सैंपल टेस्ट के लिए भेजा जाता है, मगर उनकी रिपाेर्ट दाे दाे दिनाें तक नहीं आती।
ऐसे में ना ताे उनका इलाज शुरू हाे पाता है और ना ही उन्हें डाॅक्टर काेई दवाई देते हैं। ट्राइज वार्ड में मरीज अपनी रिपाेर्ट का इंतजार करते रहते हैं। जब तक रिपाेर्ट आती है, तब मरीजाें काे परेशानी झेलनी पड़ती है। कई मरीजाें काे गंभीर बीमारियां हाेती है और उन्हें फाैरन इलाज की जरूरत रहती है, मगर रिपाेर्ट ना आने के कारण उन्हें भारी परेशानी हाेती है।
आईजीएमसी में काेराेना टेस्ट की सैकंड़ाें रिपाेर्ट राेजाना पैंडिंग रहती है। इसका एक कारण यह भी है कि आईजीएमसी में ही आरटी पीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं। शिमला, बिलासपुर, किन्नाैर के मरीजाें के टेस्ट यहीं पर किए जा रहे हैं। इसकी रिपाेर्ट 12 घंटे में आती है। एक बार में 50 सैंपल मशीन में लगाए जाते हैं, जिन्हें दाे से तीन घंटे रिपाेर्ट आने में लगते हैं। कई बार एक टेस्ट सैंपल काे दाे से तीन बार जांचना पड़ता है।
आईजीएमसी में राेजाना 600 से 700 मरीजाें के सैंपल जांच के लिए आ रहे हैं। ऐसे में इतने सैंपल की जांच करने में अमूमन कई घंटें लग रहे हैं। ऐसे में अक्सर मरीजाें की रिपाेर्ट आने में दाे दिन लग जाते हैं। हालांकि इसमें अगर सरकार आरटी पीसीआर टेस्टिंग की सुविधा बढ़ाती है ताे मरीजाें काे रिपाेर्ट जल्दी मिल सकेगी।
तीन दिन से नहीं आई रिपाेर्ट
ठियाेग के आई एक महिला मरीज के भाई ने बताया की उनकी बहन काे हार्ट की बीमारी है, जिस कारण उन्हें आईजीएमसी में इलाज के लिए लाया गया। उन्हाेंने बताया कि मंगलवार काे डाॅक्टराें ने उन्हें ट्राइज वार्ड में एडमिट कर दिया और कहा कि पहले इनका काेराेना टेस्ट करवाओ फिर इलाज शुरू हाेगा। उन्हाेंने बताया कि उनका काेराेना सैंपल मंगलवार ले लिया गया। मगर वीरवार शाम तक उनकी रिपाेर्ट नहीं आई थी।
उनकी बहन की हालत खराब हाे रही थी क्याेंकि जिस वार्ड में वह भर्ती थी, वहां पर कई मरीज काेराेना पाॅजिटिव आ गए थे। उन्हाेंने बताया कि उनके साथ अन्य कई मरीज थे, जाे दाे से तीन दिन से अपनी रिपाेर्ट का इंतजार कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि प्रशासन और सरकार काे यहां पर सिस्टम में सुधार करना चाहिए, ताकि मरीजाें काे राहत मिल सके।
यह भी खतरा
जिन मरीजाें का काेराेना सैंपल आईजीएमसी की फ्लू ओपीडी में लिया जाता है, उन्हें रिपाेर्ट आने तक ट्राइज वार्ड में रखा जाता है। ऐसे में जब तक रिपाेर्ट नहीं आती वह ट्राइज में ही रहते हैं। ट्राइज वार्ड में संदिग्ध मरीज एडमिट रहते हैं। ऐसे में अगर दाे से तीन दिन तक मरीज की रिपाेर्ट ना आए और वह नेगेटिव भी हाे ताे भी उसके संक्रमित हाेने का ज्यादा खतरा रहता है क्याेंकि ट्राइज वार्ड में कई काेराेना मरीज भी रहते हैं, जिनसे संक्रमण का खतरा बना रहता है। ऐसे में मरीजाें के लिए यहां पर ज्यादा परेशानी रहती है।
^आईजीएमसी में राेजाना सैकड़ाें काेराेना सैंपल जांच के लिए आते हैं। एक बार में 50 से ज्यादा सैंपल जांच के लिए डाले जाते हैं, जिनकी रिपाेर्ट आने में दाे से तीन घंटे लगते हैं। कई बार एक सैंपल काे दाे से तीन बार जांच करना पड़ता है। ऐसे में समय ज्यादा खराब हाेता है। जाे सैंपल ठीक रिपाेर्ट नहीं देता उन्हें जांच करने में कई बार देरी हाे जाती है। अन्य सैंपल की रिपाेर्ट समय पर देने की काेशिश की जाती है। हालांकि दाेपहर 12 बजे तक जाे सैंपल आते हैं ज्यादात्तर की रिपाेर्ट रात 9 बजे तक दे दी जाती है।
डाॅ. रजनीश पठानिया, प्रधानाचार्य आईजीएमसी शिमला
पाेर्टमाेर स्कूल की शिक्षिका कोरोना पाॅजिटिव, आईजीएमसी में चार की माैत, 107 और मरीज
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पोर्टमोर में एक टीचर कोरोना पाॅजिटिव आई हैं। टीचर चार दिन से पति के पाॅजिटिव आने के बाद हाेम आइसाेलेशन में थी। टीचर के संपर्क में आने वाले बाकी शिक्षक होम आइसोलेट हो गए हैं। वहीं वीरवार को आईजीएमसी में कोरोना से तीन लाेगाें की माैत हाे गई। इसमें संजाैली के 85 वर्षीय एक व्यक्ति 28 अक्टूबर काे काेराेना पाॅजिटिव पाए गए थे, वीरवार सुबह 6:30 बजे पेशेंट की माैत हाे गई।
वहीं रोहड़ू के चिड़गांव के 74 वर्षीय एक व्यक्ति को बुधवार को रोहड़ू से शिमला रेफर किया गया था वीरवार सुबह 11:50 पर मौत हो गई। कुल्लू के निरमंड के 65 वर्षीय एक व्यक्ति की भी आईजीएमसी में मौत हुई। वहीं इसी तरह सोलन के एमएमयू से रेफर नाहन एक व्यक्ति की भी मौत हुई है। वीरवार को 107 नए मरीज जिले में आए हैं। शिमला शहर के 35 हैं।
कुमारसैन से 23, रामपुर से 21, रोहड़ू से 10, संजौली से 7, जुब्बल कोटखाई से 6, नाभा और नेरवा से 4-4, लक्कड़ बाजार, टिक्कर और सुन्नी से 3-3, कसुम्पटी, छोटा शिमला, न्यू शिमला, पंथाघाटी, आईजीएमसी और चिरगांव से 2-2, जबकि विकास नगर, भराड़ी, जुन्गा, कैथू, शोघी, कुफरी, मुंडाघाट, दुर्गापुर, शांकली, मशोबरा और मतियाना से एक-एक मरीज आया है।
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