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मुजफ्फरपुर10 मिनट पहले
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फाइल फोटो
जिले में 1 से 4 दिसंबर तक कला उत्सव होगा। कुल विधाओं में सरकारी व निजी स्कूलों के छात्र भी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे। देश की सांस्कृतिक विरासत और जीवंत विविधता के प्रति जागरूकता के लिए शैक्षणिक सत्र 2020-21 में राज्य के जनजातीय, लोक व परंपरागत कलाओं पर ऑनलाइन प्रतियोगिता हाेगी। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से डीईओ और डीपीओ को निर्देश दिया गया।
इसमें कहा गया कि छात्र-छात्राओं के लिए हर विधा में ऑनलाइन प्रस्तुतियों के लिए वेबसाइट www.bepcssa.in पर कला उत्सव का वेब एप बनाया गया है। स्कूल में होने वाली प्रतियोगिता की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी। एक स्टूडेंट किसी भी एक श्रेणी में भाग लेगा। कॉमर्शियल संगीत या गीत का इस्तेमाल नहीं होगा। जिला स्तर पर 9 विधाओं से संबंधित शिक्षकों-कला विशेषज्ञों का तीन सदस्यीय निर्णायक मंडल बनेगा।
मूल्यांकन प्रपत्र में निर्णायक मंडल प्रस्तुतियों का मूल्यांकन करेंगे। जिला कार्यक्रम अधिकारी की ओर से सेट, वेशभूषा, मंच, दृश्य कला की व्यवस्था, वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की व्यवस्था की जाएगी। हर श्रेणी के प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को सर्टिफिकेट मिलेगा। राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए जिले से वीडियो फिल्म भेजी जाएगी। हर श्रेणी में प्रथम विजेता (बालक-बालिका दोनों) की प्रस्तुति का एक वीडियो राज्य को जाएगा।
इन विधाओं में शामिल होंगे सभी प्रतिभागी
संगीत, शास्त्रीय संगीत, संगीत गायन, संगीत वादन, संगीत वादन (पारंपरिक लोकसंगीत), नृत्य-शास्त्रीय, नृत्य-लोक नृत्य, दृश्य कला-द्वि आयामी, दृश्य कला-त्रि आयामी व स्थानीय खेल-खिलौना शामिल है।
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