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शिलाई21 दिन पहले
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फाइल फोटो
पिछले 13 सालों से कफोटा आईटीआई को अपना भवन नहीं मिला पाया है। क्षेत्र की लगभग 12 पंचायतों के लोगों को भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। कफोटा कस्बे में 2007 से आईटीआई किराए पर चल रही है, जिनमें 12 पंचायतों के बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने भवन के लिए जमीन भी दान की हुई है।
2016 में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह व तत्कालीन परिवहन ने भूमि पूजन व शिलान्यास किया है और जल्द भवन बनाकर जनता को समर्पित करने का वादा कर गए है। नए भवन के लिए लगभग 2 करोड़ स्वीकृत है, लेकिन भवन नहीं बना है। उल्लेखनीय है कि लगभग 9 करोड़ से आईटीआई भवन बनाया जाना है। भवन न बनने के कारण विभाग पिछले 13 सालों में लगभग 3 करोड़ 50 लाख रुपए किराया दे चूका है।
ऐसी परिस्थितियों में कर्जे में डूबा प्रदेश कैसे उभरेगा। प्रशिक्षण ले रहे अमित, राहुल, चौहान, रोहित, अभिषेख, संदीप सिंह, कुलदीप, लोकेश, मनोज, मुकेश, रविंदर, बिट्टू, विक्रम व गोविंद सिंह ने बताया कि आईटीआई की हालत दयनीय है। विभाग व सरकार क्षेत्र के युवाओं की समस्याओं को नहीं समझ रही है। नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है। भाजपा कहती है कि कांग्रेस कार्यकाल की योजनाएं ही बनाएगी और कांग्रेस के नेता कहते है कि हमारी सरकार नहीं है।
जमीन, पैसा सब होते हुए भी भवन का टेंडर नहीं हो रहा है जिसका खमियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। लोनिवि मंडल अधिशासी अभियंता प्रमोद उप्रेती ने बताया कि उनके पास कफोटा आईटीआई के लिए लगभग 2 करोड़ रुपए स्वीकृत है। विभाग टेंडर को लेकर सभी ओपचारिकताएं पूर्ण कर रहा है और जल्द टेंडर लगने की उम्मीद है।
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