JD Vance और Usha Chilukuri : एक अनोखा राजनीतिक संगम

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JD Vance और Usha Chilukuri : एक अनोखा राजनीतिक संगम

विवाह में हिंदू रीति-रिवाज से आशीर्वादित, राजनीति में Trump के साथ

अगर वर्तमान सर्वेक्षण सही साबित होते हैं, तो ओहायो के सीनेटर JD Vance अगले उपराष्ट्रपति बन सकते हैं। यह स्थिति अमेरिका को लगातार दो बार एक उपराष्ट्रपति के रूप में भारतीय मूल का संबंध दिलाएगी। वर्तमान उपराष्ट्रपति कमला हैरिस भी भारतीय मूल की हैं और अब वांस की पत्नी Usha Chilukuri वांस के कारण यह सिलसिला जारी रह सकता है।

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JD Vance : एक परिवर्तनशील व्यक्तित्व

JD Vance का जीवन संघर्ष और सफलता की कहानी है। मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे वांस ने हाई स्कूल के बाद यूएस मरीन में भर्ती होकर इराक युद्ध में भाग लिया। सैन्य सेवा के बाद, उन्होंने ओहायो स्टेट यूनिवर्सिटी से राजनीतिक विज्ञान और दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद, येल लॉ स्कूल में अध्ययन किया, जहां वे येल लॉ जर्नल के संपादक भी बने।

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‘हिलबिली एलेगी’ से प्रसिद्धि

वांस की प्रसिद्धि उनके बेस्टसेलिंग पुस्तक ‘हिलबिली एलेगी’ से आई, जिसमें उन्होंने ग्रामीण अमेरिका की संघर्षशील जिंदगी को उजागर किया। इस पुस्तक को 2020 में एक फिल्म के रूप में भी रूपांतरित किया गया। प्रारंभ में वांस ट्रंप के बड़े आलोचक थे, लेकिन समय के साथ उनके विचार बदल गए।

Usha Chilukuri : भारतीय संस्कृति से जुड़ीं

उषा चिलुकुरी एक सफल वकील हैं, जो सैन फ्रांसिस्को में कॉर्पोरेट मामलों की विशेषज्ञ हैं। उनके माता-पिता भारतीय हैं और उनका पालन-पोषण सैन डिएगो के एक उपनगर में हुआ। उन्होंने येल में वांस से मुलाकात की और दोनों ने 2014 में शादी की। उनकी शादी में हिंदू रीति-रिवाज से भी आशीर्वाद लिया गया।

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उषा की राजनीतिक स्थिति

उषा चिलुकुरी के राजनीति विचारों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन 2014 में वे एक पंजीकृत डेमोक्रेट थीं। हाल के वर्षों में वे अपने राजनीतिक विचारों के बारे में सार्वजनिक रूप से ज्यादा नहीं बोलती हैं। 2015 से, वे मुंगेर, टोल्स, और ओल्सन नामक कानून फर्म में काम कर रही थीं, जो अपने प्रगतिशील संस्कृति के लिए जानी जाती है। ट्रंप द्वारा वांस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने के तुरंत बाद, उषा ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया।

Trump के प्रति वांस का दृष्टिकोण

प्रारंभ में, वांस ने ट्रंप की कड़ी आलोचना की थी, लेकिन 2020 में उन्होंने ट्रंप को वोट दिया और 2022 में सीनेटर बने। वांस का मानना है कि ट्रंप ने विदेश नीति, व्यापार, और आव्रजन पर नई दृष्टि पेश की है, जो उनके पहले के विचारों से काफी अलग है।

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वांस और चिलुकुरी का पारिवारिक जीवन

वांस और उषा के तीन बच्चे हैं और वे सिंसिनाटी, ओहायो में रहते हैं। वांस कैथोलिक हैं जबकि उषा हिंदू हैं। उनके बच्चों का पालन-पोषण दोनों संस्कृतियों के मेल से हो रहा है।

Usha Chilukuri : भारतीय विरासत की धरोहर

Usha Chilukuri का जीवन भी अपने आप में एक प्रेरणादायक कहानी है। भारतीय माता-पिता की संतान, उषा ने अपने माता-पिता की मूल्यों और संस्कृति को आत्मसात करते हुए अपने करियर में उल्लेखनीय सफलता हासिल की। उनके दोस्तों और सहकर्मियों के अनुसार, उषा हमेशा से ही एक “लीडर” और “बुकवर्म” रही हैं। उनकी बुद्धिमत्ता और महत्वाकांक्षा ने उन्हें एक उच्च स्तर पर पहुंचाया।

उषा ने येल लॉ स्कूल में चार साल बिताने के बाद गेट्स फैलोशिप के तहत कैम्ब्रिज में अध्ययन किया। वहां, उन्होंने मुख्य रूप से उदारवादी और वामपंथी समूहों में भाग लिया। इससे उनकी सोच और दृष्टिकोण में विविधता आई। उनकी कानूनी प्रैक्टिस में, उषा ने उच्च शिक्षा, स्थानीय सरकार, मनोरंजन, और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में जटिल मुकदमों और अपीलों को संभाला है।

सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता

वांस और उषा की शादी ने न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि सांस्कृतिक और धार्मिक स्तर पर भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। वांस कैथोलिक हैं जबकि उषा हिंदू हैं, और दोनों ने अपने धर्म और संस्कृति को साथ-साथ बनाए रखा है। उनकी शादी में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ-साथ कैथोलिक प्रथाओं का पालन किया गया, जो उनके पारिवारिक और सांस्कृतिक समर्पण का प्रतीक है।

Usha Chilukuri और JD Vance की कहानी एक अनूठी और प्रेरणादायक है। यह कहानी दिखाती है कि कैसे विभिन्न पृष्ठभूमियों और संस्कृतियों के लोग मिलकर एक मजबूत और समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। वांस की यात्रा, उनकी पुस्तक ‘हिलबिली एलेगी’ से लेकर ट्रंप के समर्थक बनने तक, और उषा का भारतीय मूल से उच्चतम कानूनी क्षेत्र में पहुंचना, दोनों ही कहानियां संघर्ष, सफलता और समर्पण की मिसाल हैं।

अगर वांस उपराष्ट्रपति बनते हैं, तो यह न केवल अमेरिकी राजनीति के लिए बल्कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण घटना होगी। Usha Chilukuri का योगदान और उनकी भारतीय विरासत इस यात्रा को और भी विशेष बनाएगी। यह कहानी एक उदाहरण है कि कैसे अलग-अलग पृष्ठभूमियों और संस्कृतियों के लोग एक साथ आकर नए इतिहास का निर्माण कर सकते हैं।

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