दिल चीज़ क्या है आप मेरी जान लीजिए,
बस एक बार मेरा कहा मान लीजिए।
आज मेरा जन्मदिन है और आज मैं आपके आशीर्वादों के साथ हाथ जोड़कर एक और चीज़ मांग रहा हूं। एक वायदा कर दीजिए बस।
इस दिवाली पर एक भी पटाखा नहीं।
हम बच्चे तो जिद करते ही हैं पर उनकी जिद को पूरा आप करते हैं।
इस बार हम बच्चों की पटाखों की बात सुननी नहीं है बल्कि उन्हें समझाना है। पटाखे ना जलाने का संकल्प दिलाना है। मैंने तो कसम खा ली है।
एक पल की रोशनी और धमाका और फिर चारों ओर सन्नाटा। पटाखों के धुएं से करोना से जूझते अपने देश पर आफत और भी बढ़ जाएगी। पटाखों से खुशी नहीं प्रदूषण होता है।
इस बार दीप और घर में बने पकवान की दीवाली,
धूम ना धमाका, मन की रोशनी से कोई ना रहे खाली।