Jaleb, the Jaleb of Lord Narasimha comes out of glory in Kullu, Jaleb Yatra is carried out for peace and happiness according to the belief. | नरसिंह भगवान की जलेब यात्रा कुल्लू में निकाली गई, मान्यता है कि इसे सुख-शांति के लिए निकाला जाता है

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  • जलेब, भगवान नरसिंह की जलेब कुल्लू में महिमा से बाहर आती है, जलेब यात्रा शांति और खुशी के लिए विश्वास के अनुसार बाहर ले जाया जाता है।

कुल्लू17 दिन पहले

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अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दूसरे दिन  नरसिंह भगवान की जलेब परंपरागत तरीके से निकाली गई।

  • रघुनाथ के मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह नरसिंह की ढाल तलवार लेकर बैठे पालकी पर
  • मान्यता है कि सुख-शांति के लिए यह जलेब यात्रा निकली जाती है

अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दूसरे दिन नरसिंह भगवान की जलेब परंपरागत तरीके से निकाली गई। ढालपुर मैदान में सजी राजा की चांनणी से लेकर क्षेत्रीय अस्पताल कॉलेज गेट, कला केंद्र रथ मैदान होते हुए वापस चांनणी तक यह जलेब निकाली गई।

हालांकि, इस जिले में हर दिन 5-6 देवी देवताओं की झांकी शामिल होती थी। लेकिन इस बार कोरोना संकट के कारण जलेब यात्रा में मात्र एक पीज का जमलू देवता शामिल हुए। राजा की चानणी से निकली जलेब के माध्यम से नरसिंग भगवान ने ढालपुर में रक्षा सूत्र बांधा गया।

मान्यता है कि सुख-शांति के लिए यह जलेब यात्रा निकाली जाती है। उत्सव के दूसरे दिन यह जलेब करीब साढ़े चार बजे निकाली गई। पालकी के एक तरफ देवता जमलू का रथ चला तो आगे-आगे नरसिंह भगवान की घोड़ी और वाद्य यंत्र की धुनें गूंजती रही।

अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के मुख्य आकर्षण में भव्य जलेब भी शामिल रहती है। मुहल्ले उत्सव यानि दशहरा उत्सव संपन्न होने से एक दिन पहले तक प्रतिदिन जलेब निकाली जाएगी। ढोल-नगाड़ों की थाप ने जलेब यात्रा में रौनक बढ़ाई। भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह भी पालकी में सवार हुए और नरसिंह भगवान की ढाल और तलवार लेकर जलेब के माध्यम से परिक्रमा की।

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