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चंडीगढ़एक दिन पहले
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- पेरेंट्स स्कूलों को खोलने के हक में नहीं हैं और न ही वे अपने बच्चों को इस समय स्कूल भेजना सुरक्षित समझते हैं
2 नवंबर से शहर में सभी गवर्नमेंट स्कूल खुल चुके हैं, वहीं 2 प्राइवेट स्कूल भी खोले गए हैं। शुरुआत 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास से की गई है। शुरुआत में 7 परसेंट स्टूडेंट्स गवर्नमेंट स्कूलों में आए। प्राइवेट स्कूलों में तो यह आंकड़ा 6 स्टूडेंट्स से नीचे रहा। भास्कर ने वेबिनार के जरिए पेरेंट्स से जाना कि स्कूलों के दोबारा से खुलने को लेकर उनके क्या विचार हैं और क्या वे बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार हैं।
स्कूल प्रिंसिपल्स से भी पूछा गया कि वे स्कूलों के दोबारा खोलने पर कितनी तरह की सावधानियां बरत सकते हैं ताकि पेरेंट्स संतुष्ट रहें। सभी पेरेंट्स स्कूलों को खोलने के हक में नहीं दिखे। पेरेंट्स का मानना था कि शुरुआत में स्कूल चाहे जितनी मर्जी सावधानी बरते लेकिन कुछ दिनों के बाद ढील दे दी जाती है। वेबिनार में चंडीगढ़ पेरेंट्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट नितिन गोयल बतौर मॉडरेटर रहे।
स्टूडेंट्स बढ़ेंगे तो मैनेज करना होगा मुश्किल
पेरेंट दीपिका बाहरी ने कहा कि स्कूलों में संक्रमण इतनी ज्यादा जगह से हो सकता है कि उसे रोक पाना मुमकिन नहीं है। स्टूडेंट पानी पीते हुए जिस नलके को हाथ लगाएगा या फिर वॉशरूम का दरवाजा बंद करते समय जिस कुंडी व हैंडल को हाथ लगाएगा तो उसे कितनी बार सैनेटाइज किया जा सकता है।
कुछ दिन स्कूल किसी स्टाफ का जिम्मा लगा देंगे लेकिन कुछ समय बाद वह भी इसे हलके में लेंगे। स्कूल चाहें भी तो नहीं कर पाएंगे क्योंकि स्टूडेंट्स की स्ट्रेंथ बढ़ेगी तो इसे मैनेज करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में स्कूलों में संक्रमण को रोक पाना मुमकिन ही नहीं है। सीपीए के प्रेसिडेंट नितिन गोयल ने कहा कि स्कूल चाहे खुल गए हैं लेकिन कोरोना के मामले इतने ज्यादा है कि बच्चा सिर्फ घर पर ही सुरक्षित है।
सीसीटीवी कैमरों का एक्सेस दें स्कूल…
पेरेंट अंकुर गुप्ता ने कहा कि जब वैक्सीनेशन मार्केट में आ जाएगी तो उसके बाद स्टूडेंट्स को भेजने से पहले वह चाहेंगे कि स्कूल सभी पेरेंट्स को स्कूल में लगे सीसीटीवी का एक्सेस दें ताकि वह यह जान पाएं कि बच्चा क्या कर रहा है और कितनी सावधानियां बरती जा रही हैं। पेरेंट बंधनप्रीत सिंह ने कहा कि मौजूदा स्थिति में वह किसी भी हालत में बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार नहीं है। मौजूदा दौर में लोग मार्केट में मास्क नहीं डाल रहे तो हम बच्चे से क्या अपेक्षा रखें कि वह हर समय स्कूल में मास्क डालेगा।
बच्चों से बुजुर्गों को हर समय रहेगा खतरा…
पेरेंट कुलदीप कुमार ने कहा कि अगर बच्चा स्कूल से संक्रमण घर ले आया तो बुजुर्गों को आसानी से यह बीमारी हो जाएगी। ऐसे में बेहतर यही है कि बच्चा घर पर ही रहे और ऑनलाइन एजुकेशन लें। पेरेंट डॉ. चैरी गुप्ता ने कहा इस समय सेफ्टी सबसे बड़ी प्राथमिकता है और ऑनलाइन एजुकेशन नहीं है। अगर बच्चे सेफ रहेंगे और हेल्थ ठीक रहेगी तब ही पढ़ाई कर पाएंगे।
स्कूलों के बाहर कारों की लगेगी लाइन…
पेरेंट जगदीश राय ने कहा कि स्कूल बसें चल नहीं सकती और कार पूल मुमकिन नहीं। ऐसे में अगर हर एक पेरेंट एक बच्चे को स्कूल में सुबह छोड़ने आएगा तो सोचिए कि स्कूल के बाहर कारों की कितनी लंबी लाइन लग जाएगी। आदित्य साहनी ने कहा कि अब कोरोना की सेकंड वेव भी आ गई है। ऐसे में बेहतर है कि बच्चे घर पर रहें। राजीव बंसल ने कहा कि अभी स्कूल खुद भी इस बात को लेकर क्लियर नहीं है कि फाइनल एग्जाम कैसे होंगे। डॉ. जैसमीन कंग ने कहा कि हम किसी भी हालत में बच्चों को िरस्क में नहीं डाल सकते।
स्कूल बुलाने से ऑनलाइन क्लास बेहतर…
पेरेंट विक्रांत आनंद ने कहा कि इस समय ऑनलाइन क्लास ही बेहतर है। अगर ऑनलाइन क्लास के दौरान स्टूडेंट्स को ब्रेक दे दी जाए और क्लास ज्यादा लंबी न चले तो यह बेहतर होगा। पेरेंट दृष्टि शर्मा ने कहा कि वीडियो कॉल के दौरान स्टूडेंट्स को आपस में चिटचैट करने का मौका दिया जाए ताकि उन्हें क्लासरूम की फिलिंग आए। स्टूडेंट्स को फिजिकल क्लासरूम की कमी ज्यादा महसूस नहीं होगी।
प्रिंसिपल्स बोले-हम तैयार हैं
^हम पूरी तरह से तैयार हैं और सैनिटाइजेशन, आईसोलेशन रूम से लेकर एसओपी की सभी इंस्ट्रक्शंस की पालना करेंगे लेकिन अगर पेरेंट के मन में डर है तो हम भी कुछ नहीं कर सकते।
नीना पांडे, प्रिंसिपल, गुरुकुल ग्लोबल स्कूल मनीमाजरा
^मेरे ख्याल से फेस्टिवल सीजन के बाद स्कूल खोलना चाहिए क्योंकि अभी डेंगू भी फैल रहा है। हमने पेरेंट्स से पूछा लेकिन 10 परसेंट ने हां कही। हालांकि, हम पूरी सावधानी बरतेंगे लेकिन पेरेंट्स समझते हैं कि बच्चे घर पर ज्यादा सेफ हैं।
जैसमीन कालरा, प्रिंसिपल, अजीत कर्म सिंह इंटरेशनल स्कूल-45
^हम दिवाली तक इंतजार कर रहे हैं क्योंकि शायद कोविड-19 के मामले बढ़ सकते हैं। बोर्ड क्लासेज को छोड़कर अन्य क्लासेज के स्टूडेंट्स को बुलाना सही नहीं है।
कविता दास, प्रिंसिपल, सेंट जॉन्स स्कूल सेक्टर 26
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