महिलाओं के बिना संसार में जीवित आबादी की कल्पना करना भी मुश्किल
नीरू
विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में 8 मार्च प्रतिवर्ष महिलाओं के प्रति आदर, सम्मान, प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए, महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
महिलाएं दुनिया की आधी आबादी का हिस्सा हैं। महिलाओं के बिना संसार में जीवित आबादी की कल्पना करना भी मुश्किल है। वे किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं हैं ।समाज की प्रगति में जितना बड़ा योगदान पुरुषों का है, उतना ही महिलाओं का भी है, लेकिन फिर भी अधिकतर जगहों पर समाज में आज भी महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले समान अवसर और सम्मान नहीं मिल पाता । आज भी समानता के हक के लिए उन्हें कई मोर्चों पर लड़ना पड़ता है। इसके लिए महिलाओं को स्वयं ही आवाज उठानी होगी।
मंजू माधुरी
समाजसेविका, स्वास्थ्य शिक्षिका
महिलाओं के स्वास्थ्य का बीड़ा उठाया है रोहतक की रहने वाली मंजू माधुरी ने। कोरोना काल में सभी का वजन बहुत बढ़ गया और अनेकों बीमारियों ने घेर लिया। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ और सकारात्मक विचार पनपते हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए पहले अपने परिवार को स्वस्थ किया और अब पूरे भारत में अनेकों महिलाओं को दोनो समय ऑनलाइन एक्सरसाइज के साथ ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करती हैं। इसके साथ ही बेसहारा गरीब बुजुर्गों को कपड़े, दवाइयां उपलब्ध करवाना, बच्चों को निशुल्क शिक्षा के साथ ही पढ़ाई संबंधित सामग्री उपलब्ध करवाना और महिलाओं को स्वास्थ्य के लिए सेमिनार का आयोजन समय-समय पर करती रहती हूं।