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कुल्लू7 दिन पहले
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भगवान रघुनाथ के सुल्तान पुर पहुचते ही दशहरा उत्सव संपन्न हो गया।
ढालपुर में मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा भगवान रघुनाथ के सुल्तानपुर अपने मंदिर पहुंचते ही संपन्न हो गया। इससे पहले ढालपुर स्थित अपने अस्थाई शिविर से लेकर पशु मैदान तक रथयात्रा निकाली गई और लंकाबेकर में देवकारज पूरा करने के बाद देवी-देवता और रथ ढालपुर के लिए वापस लाए गए।
उसके बाद रघुनाथ अपने देवालय सुल्तानपुर पहुंचे और अन्य देवी देवता अपने अपने देवालयों की ओर रवाना हुए। उत्सव में हालांकि जिलाभर से 365 तक देवी देवताओं के शिरकत करने का इतिहास रहा है लेकिन इस बार जिला के चुनिंदा देवी देवताओं ने ही भाग लिया है।
उत्सव में पहुंचे देवी देवता सात दिनों तक अपने हारियानों के साथ रहे और अब उत्सव संपन्न होने के बाद देवी-देवता एक साल भर के लिए फिर से बिछड़ गए हैं। कुल्लू दशहरा उत्सव 25 से 31 अक्तूबर तक देव रिवायत के साथ मनाया गया।
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