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गढ़ी बीरबल6 मिनट पहले
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- 7 महीने के लॉकडाउन के बाद सोमवार को फिर से खुल चुके हैं स्कूल
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के कारण जहां स्कूल पिछले कई महीनों से बंद थे और बच्चे घर पर ही रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। वहीं अब 7 महीने के लॉकडाउन के बाद सोमवार को फिर से स्कूल खुल चुके हैं। इस कड़ी के प्रथम चरण में कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के छात्र स्कूल में आना शुरू हो गए हैं। जिनके अभिभावकों ने उन्हें मंजूरी पत्र पर हस्ताक्षर करके विद्यालय में भेजा है।
सर्दियों के समय अनुसार बच्चों के लिए स्कूल आने का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक का निर्धारित किया गया है। वहीं हर स्कूल के प्रधानाचार्य को कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए तय मानकों के पालन के लिए जिम्मेदारी देते हुए स्कूल में व्यवस्थाओं की जांच के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
इसी शृंखला में गुरुवार को एबीआरसी डॉक्टर बारू राम व उनके साथ प्रवक्ता संजय संधू राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कलसौरा से अपने क्लस्टर के दो स्कूलों जिनमें यमुना पब्लिक स्कूल व गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कलसौरा में पहुंचकर सभी व्यवस्थाएं देखी। इस दाैरान स्कूलों में स्वच्छता, सेनिटाइजेशन, सामाजिक दूरी, फीवर गन और मास्क आदि की अनिवार्यता के बारे में बताया गया। इन व्यवस्थाओं की जांच भी की गई। इस दौरान गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौवीं से 12वीं के 311 बच्चों में से 58 व यमुना पब्लिक स्कूल में 94 में से 70 बच्चे उपस्थित रहे।
एसडीएम ने नव नियुक्त निगरानी मिड डे मील कमेटी के साथ की बैठक, स्कूलों में जांच के आदेश
उपमंडल कार्यालय में उपमंडल अधिकारी साहिल गुप्ता की अध्यक्षता में नवनियुक्त खंड स्तरीय मिड डे मील निगरानी कमेटी की बैठक का आयोजन किया गया। इसमें मिड डे मील से संबंधित समस्याओं सहित सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। नवनियुक्त कमेटी का मुख्य कार्य स्कूलों में मिड डे मील के अंतर्गत मिड डे मील राशन का स्टॉक व उसकी गुणवत्ता, रसोई घर व बर्तनों की साफ-सफाई, विद्यार्थियों की उपस्थित संख्या सहित मीनू के अनुसार बनी रैसिपी की गुणवत्ता का निरीक्षण करेगी। इसके अलावा एमडीएम कमेटी कोविड-19 को ध्यानार्थ रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजर, हैंडवाॅश व मास्क इत्यादि का भी निरीक्षण करेगी।
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