INS Vikramaditya: मरम्मत के बाद समुद्री परीक्षण के लिए उतरा INS विक्रमादित्य

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INS Vikramditya: भारतीय नौसेना इस एयरक्राफ्ट कैरियर से मिग-29के फाइटर जेट्स ऑपरेट करती है. इसे 31 मार्च तक आधिकारिक तौर पर भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा और अप्रैल में मिग-29के का संचालन शुरू होगा.

 

INS Vikramaditya भारत का पहला विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य

 

भारत का पहला विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य दिसंबर, 2021 में मरम्मत के लिए कारवार नौसेना बेस में भेजा गया था. लगभग 45 हजार टन वजनी विमानवाहक पोत की मरम्मत पूरी होने के बाद अब इसका समुद्री परीक्षण शुरू किया गया है. इस दौरान पोत अपने स्वयं के इंजनों के तहत कारवार नौसेना बेस के बाहरी लंगर में जाएगा. 15 महीने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसे 31 मार्च तक आधिकारिक तौर पर भारतीय नौसेना को सौंप दिया जाएगा. इसके बाद पोत से मिग-29के का संचालन अप्रैल में शुरू होगा. यह परीक्षण मार्च में गोवा और आईएनएस कदंबा के बीच अप्रैल में शुरू होने वाले हवाई संचालन के साथ शुरू होगा.

में अधिकतम 36 विमान ले जाने की क्षमता है जिसमें 26 मिग 29 के लड़ाकू विमान और 10 कामोव का 31

इस युद्धपोत में अधिकतम 36 विमान ले जाने की क्षमता है, जिसमें 26 मिग-29 के लड़ाकू विमान और 10 कामोव का-31 अग्रिम इलेक्ट्रॉनिक चेतावनी (एईडब्ल्यू) और केए-28 पनडुब्बी रोधी युद्धक (एएसडब्ल्यू) हेलीकॉप्टर शामिल हैं. आईएनएस विक्रमादित्य संचालन के लिए तैयार होने के बाद भारत के पास दो विमानवाहक पोत होंगे. दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत है, जिसका पहले से ही पश्चिमी समुद्र तट पर परीक्षण चल रहा है. विक्रांत को भारत के पूर्वी समुद्री तट पर विशाखापत्तनम में और पूर्व रूसी वाहक आईएनएस विक्रमादित्य को पश्चिमी तट पर तैनात किये जाने की योजना है.

 

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