Infosys पर 32,000 करोड़ रुपये के GST notice के बाद कंपनी का दावा: ‘पूरी तरह से अनुपालन में हैं’

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GST notice का कारण और कंपनी की प्रतिक्रिया

Infosys , बेंगलुरु की आईटी सेवा कंपनी, ने GST अधिकारियों से हाल ही में 32,403 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए प्री-शो कॉज नोटिस प्राप्त किया है। कम्पनी ने इस नोटिस के जवाब में कहा कि वह पूरी तरह से केंद्रीय और राज्यीय नियमों का पालन करती है। आइए, इस मामले के विभिन्न पक्षों पर विस्तार से विचार करें।

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इंफोसिस को जुलाई 2017 से मार्च 2022 तक अपने विदेशी ब्रांड कार्यालयों द्वारा खर्च किए गए खर्चों के लिए यह नोटिस मिला है। कम्पनी ने कहा कि वह सभी जीएसटी बकाया भुगतान कर चुकी है और इस मामले में राज्य और केंद्रीय कानूनों का पूरी तरह से पालन कर रही है।

कंपनी ने दावा किया

इंफोसिस ने कहा, “कंपनी ने प्री-शो कॉज नोटिस का जवाब दिया है।” खबर प्रकाशित होने के बाद, कंपनी को जीएसटी खुफिया निदेशक से एक प्री-शो कॉज नोटिस भी मिला है, जिस पर वह प्रतिक्रिया देने की प्रक्रिया में है।”

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GST कानूनों के तहत छूट

साथ ही, इंफोसिस ने कहा कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (परिपत्र संख्या 210/4/2024, 26 जून 2024) ने कहा कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर भारतीय शाखा को दी गई विदेशी शाखाओं की सेवाओं पर जीएसटी लागू नहीं होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स और DGGI का बयान

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) ने ग्राहकों की सेवा के लिए विदेशी शाखाएं खोली हैं, जो IGST अधिनियम के तहत अलग-अलग व्यक्ति हैं क्योंकि यह कंपनी अपने ग्राहकों के साथ अपने समझौते का हिस्सा है।

GST क्रेडिट और रिफंड

इंफोसिस ने अपने फैसले में यह भी कहा कि आईटी सेवाओं के निर्यात के खिलाफ जीएसटी भुगतान क्रेडिट या रिफंड के लिए पात्र हैं। इसका अर्थ है कि GST भुगतान को क्रेडिट या रिफंड के रूप में वापस लिया जा सकता है।

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मामले का स्तर

इंफोसिस को जीएसटी भुगतान के लिए जारी किया गया प्री-शो कॉज नोटिस दिखाता है कि जीएसटी अधिकारियों ने उसकी विदेशी शाखाओं के खर्चों को देखा है। कम्पनी का दावा है कि इन सेवाओं पर जीएसटी लागू नहीं होता, लेकिन जीएसटी अधिकारियों का कहना है कि ये खर्चे जीएसटी के दायरे में आते हैं।

Pre-show कॉज नोटिस क्या है?

प्री-शो कॉज नोटिस, जिसे जीएसटी अधिकारी उस व्यक्ति या संस्था को भेजते हैं जिसे वे नियमों के उल्लंघन का दोषी मानते हैं, एक प्रारंभिक दस्तावेज़ है। इसमें कानूनी धाराओं और उल्लंघन का विवरण है। नोटिस प्राप्त करने वाले पक्ष को इस पर प्रतिक्रिया देने का अवसर मिलता है और अपनी राय रखने का अवसर मिलता है।

GST नियमों और परिपत्र का महत्व

इंफोसिस ने कहा कि विदेशी शाखाओं द्वारा भारतीय शाखा को दी गई सेवाओं पर जीएसटी लागू नहीं होगा, जैसा कि हाल ही में जारी किया गया परिपत्र नंबर 210/4/2024 कहता है। जीएसटी परिषद की सिफारिशों पर आधारित यह परिपत्र जीएसटी की व्याख्या और लागू होने के संबंध में स्पष्टता देना चाहता है।

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IT सेवा निर्यात और GST क्रेडिट

इंफोसिस ने यह भी कहा कि आईटी सेवाओं के निर्यात पर जीएसटी भुगतान क्रेडिट या रिफंड पात्र हैं। इसका अर्थ है कि अगर एक कंपनी जीएसटी का भुगतान करती है, तो वह इसे अपने निर्यात किए गए आईटी सेवाओं के खिलाफ क्रेडिट या रिफंड के रूप में प्राप्त कर सकती है। इस व्यवस्था का उद्देश्य कंपनियों को आर्थिक बोझ से राहत देना है।

DGGI का विचार

जैसा कि इंफोसिस की विदेशी शाखाएं और कंपनी अलग-अलग इकाइयों हैं, इसलिए उन पर जीएसटी लागू होना चाहिए, जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) का कहना है। IGST अधिनियम, जो अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर जीएसटी लागू करता है, इस दृष्टिकोण का आधार है।

Infosys की पारदर्शिता और अनुपालन

इंफोसिस ने अपने उत्तर में यह भी कहा कि कम्पनी पूरी तरह से केंद्रीय और राज्य जीएसटी नियमों का पालन करती है। कम्पनी ने प्री-शो कॉज नोटिस का जवाब दिया है और डीजीजीआई द्वारा जारी नोटिस का भी जवाब देने की प्रक्रिया में है। इस पारदर्शिता से पता चलता है कि कंपनी अपने दायित्वों के प्रति प्रतिबद्ध है।

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अनुमानित परिणाम

जीएसटी अधिकारियों और न्यायालयों के फैसले इस मामले का अंतिम निर्णय देंगे। Infosys को जीएसटी भुगतान से छूट मिल सकती है अगर उसके दावे सही हैं। यद्यपि, कंपनी को उक्त राशि का भुगतान करना पड़ सकता है यदि जीएसटी अधिकारियों का विचार सही है।

कंपनी की योजना

इंफोसिस ने इस मामले के बावजूद अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है कि वह अपने ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करेगा। Компанія सभी नियामक प्रावधानों के साथ अनुपालन में रहे और अपनी कानूनी और वित्तीय जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।

Infosys के इस मामले में दिए गए बयान से स्पष्ट है कि कंपनी ने अपने जीएसटी कर्तव्यों को पूरा किया है और नियमों का पूरी तरह से पालन किया है। कम्पनी ने कहा कि प्री-शो कॉज नोटिस का उचित जवाब दिया गया है और विदेशी शाखाओं द्वारा प्रदान की गई सेवाओं पर जीएसटी लागू नहीं होता है।

यह पता लगाने के लिए कि इंफोसिस को इस मामले में कोई कार्रवाई करनी पड़ेगी या नहीं, आगे की प्रक्रियाओं और संबंधित प्राधिकरणों के निर्णयों का इंतजार रहेगा। कंपनी ने पारदर्शिता को अपने नियामकों और ग्राहकों के साथ बनाए रखा है, जो इस दिशा में उसके दावे और जवाब महत्वपूर्ण हैं।

आने वाले समय में इस मामले में और भी जानकारी और फैसले आ सकते हैं, जिससे यह पता चलेगा कि इंफोसिस ने अपने सभी जीएसटी कर्तव्यों को सही ढंग से पूरा किया है या नहीं। फिलहाल, Infosys का दावा कि वह पूरी तरह से अनुपालन में है, मामले को नई दिशा देता है।

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