आजादी के बाद से अब तक के इतिहास में उद्योगों का सूखा झेल रहा जिला महेंद्रगढ़ औद्योगिक क्षेत्र में राज्य सरकार का विशेष पक्ष लेता नजर आ रहा है। नए बजट में पहले निजामपुर में लॉजिस्टिक हब, फिर खुडाना में आईएमटी और अब नंगल चौधरी ब्लॉक में नया औद्योगिक पार्क। जी हां, राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में राज्य सरकार ने महेंद्रगढ़ जिले को नये औद्योगिक पार्क के रूप में एक नई सौगात दी है।
महेंद्रगढ़ जिला प्राचीन इतिहास
महेंद्रगढ़ जिला प्राचीन इतिहास को समेटे हुए है। आजादी के बाद भी जब पप्सू पंजाब का हिस्सा था, तब भी इसे एक जिले का दर्जा प्राप्त था। बाद में यह कई टुकड़ों में बंटता चला गया और उसके बाद 1 नवंबर 1989 को अस्तित्व में आया जिला रेवाड़ी ने भी विकास में लंबी छलांग लगाई, खासकर औद्योगिक क्षेत्र में आजादी के बाद से लगभग 76 वर्षों के इतिहास में एक भी उद्योग या उद्योग स्थापित नहीं हो सका।
इस वजह से यहां के लोग खासकर युवा या तो सरकारी नौकरी के पीछे भागते हैं या दूसरी जगहों पर जाकर नौकरी करते हैं लेकिन अब यहां की स्थिति को बदलने के लिए उद्योग के रूप में नए बीज बोए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत सीएम मनोहरलाल ने निजामपुर इलाके में लॉजिस्टिक हब के तौर पर की थी। निजामपुर के घाटसेर, चिलरो और बशीरपुर गांव के समीप करीब 1,200 एकड़ जमीन में नया लॉजिस्टिक हब बनाया जाना है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है।
इसके लिए सड़कों की कनेक्टिविटी तैयार कर ली गई है और डाबला से घाटसेर तक नया रेलवे ट्रैक तैयार करने का प्रस्ताव है। सड़क के साथ- साथ बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं भी तैयार की जा रही हैं। इसके लिए नंगल चौधरी के विधायक डॉ. अभय सिंह यादव प्रयास कर रहे हैं। इसके तैयार होते ही यहां उद्योग स्थापित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसका उद्घाटन किए जाने की संभावना है।
इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा
जहां नांगल चौधरी प्रखंड के उपरोक्त तीन गांवों की लगभग 12 एकड़ जमीन में लॉजिस्टिक हब जैसा बड़ा और महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है। वहीं, अब राज्य सरकार इसके साथ ही एक अलग औद्योगिक पार्क भी विकसित करना चाहती है। इंडस्ट्रियल पार्क के लिए 500 एकड़ जमीन की जरूरत है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बजट सत्र में इसकी जानकारी दी है और उन्होंने इसकी स्थापना में क्षेत्र के किसानों से विशेष सहयोग भी मांगा है।
खुडाना में बनेगा आईएमटी
राज्य सरकार महेंद्रगढ़ प्रखंड के खुडाना गांव में औद्योगिक मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) स्थापित करने की योजना बना रही है। आईएमटी के लिए 1,654 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसमें से करीब 1031 एकड़ जमीन पंचायत की और 623 एकड़ निजी जमीन है। इसके लिए भूस्वामी तैयार हैं लेकिन बीच में खुडाना से अदलपुर तक सड़क निर्माण के लिए भूमि विवाद का निस्तारण नहीं हो सका है जबकि खरकड़ा व अकोड़ा की जमीन क्रय करने का कार्य किया जा रहा है।
इस तरह इसकी शुरुआत हुई
राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार थी और फिर साल 2012-13 में सरकार को रेवाड़ी से बावल के बीच नया लॉजिस्टिक हब बनाने के लिए 1200 एकड़ जमीन की जरूरत थी लेकिन वहां के किसानों को बाजार भाव नहीं मिल रहा था। कलेक्टर रेट की तुलना में जमीन का रेट पूछने लगे। इसके साथ ही, कई किसान जमीन देने को भी राजी नहीं हुए और आंदोलन पर उतर आए। इसलिए सरकार ने वहां इस परियोजना को शुरू करना छोड़ दिया। बाद में राज्य में सरकार बदली और पहली बार कांग्रेस की जगह भाजपा की सरकार बनी।
तब इस लॉजिस्टिक हब को जनपद महेंद्रगढ़ में स्थापित करने की अफवाह उड़ी थी।एचएसएसआईडीसी के अधिकारियों ने जिले का दौरा कर इसकी पुष्टि की। बाद में निजामपुर क्षेत्र में आसानी से जमीन उपलब्ध होने के कारण वहां इसका निर्माण शुरू हो गया।
ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की
निजामपुर क्षेत्र के ग्रामीणों ने लॉजिस्टिक हब के साथ- साथ औद्योगिक पार्क स्थापित करने की राज्य सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की है। घाटसेर के पूर्व सरपंच प्रताप सिंह, रोहतास यादव, मित्रसेन व रतिराम पहलवान आदि ने बताया कि लॉजिस्टिक हब के साथ औद्योगिक पार्क बनाना सरकार का सराहनीय कदम है। इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और यहां के युवाओं को रोजगार मिलेगा।
यह बात डिप्टी सीएम ने कही
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बजट सत्र में नांगल चौधरी क्षेत्र में औद्योगिक पार्क के निर्माण की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार महेंद्रगढ़ जिले के क्षेत्र को पूरी तरह से औद्योगिक रूप से विकसित करने की योजना बना रही है। लॉजिस्टिक हब के साथ एक औद्योगिक पार्क भी स्थापित किया जाएगा। HSIIDC द्वारा इंटीग्रेटेड मल्टी प्लान लॉजिस्टिक्स हब सेंटर प्रोजेक्ट के विस्तार के लिए उपयुक्त भूमि की पहचान की जा रही है।
यदि निगम उक्त परियोजना के विस्तार हेतु भूमि क्रय करने में सफल होता है तो उसका उपयोग औद्योगिक उपयोग हेतु किया जायेगा। इसके लिए 500 एकड़ जमीन की जरूरत है। अगर किसान इस जमीन को उपलब्ध करा देते हैं तो जल्द ही यह पार्क शुरू किया जा सकता है। राज्य सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी बनाई है, जिसके आधार पर किसान का भी हिस्सा होगा।