India-Canada dispute : कनाडा-इंडिया के रिश्ते हुए खराब, जानिए इसका किसपर होगा बुरा असर

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India-Canada dispute : एक प्रमुख विशेषज्ञ के मुताबिक सिख अलगाववादी की हत्या को लेकर कनाडा और भारत के बीच जारी विवाद का दोनों देशों को नुकसान होगा.

उनके मुताबिक ओटावा को व्यापार के मामले में क्षति होगी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नेटवर्क का हिस्सा बनने की उसकी क्षमता भी प्रभावित होगी जबकि भारत की लोकतांत्रिक देश और कानून का शासन होने की छवि को भी झटका लग सकता है.

कैसे शुरू हुआ विवाद?

ट्रूडो ने ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को खालिस्तानी अलगाववादी नेता निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की ‘संभावित’ संलिप्तता का आरोप लगाया है जिससे कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया है.

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भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ कहकर आक्रामक रूप से खारिज कर दिया और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया.

व्यापार पर होगा बड़ा नुकसान

विल्सन इंस्टीट्यूट द्वारा शुक्रवार को प्रकाशित ब्लॉगपोस्ट में कनाडा इंस्टीट्यूट एसोसिएट जेवियर डेलगाडो ने कहा, ‘‘ईपीटीए (अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट) के लिए बातचीत को रोक दिए जाने से व्यापार संभवतः

पहला क्षेत्र होगा जिसे बड़ा नुकसान होगा.’’ उन्होंने लिखा, ‘‘दोनों देशों ने इस महीने के शुरू में घोषणा की कि वे एक-दूसरे के साथ व्यापार वार्ता रोक देंगे और कनाडा के व्यापार मंत्री मैरी एनजी ने अक्टूबर में व्यापार मिशन के साथ नयी दिल्ली जाने के कार्यक्रम को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया.’’

यह वार्ता कनाडा के हिंद-प्रंशात रणनीति का हिस्सा थी जिसने ईपीटीए को वृहद आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) के लिए अहम कदम करार दिया गया था.

व्यापार संबंधों में विनाशकारी गिरावट का अंदेशा

इससे दोनों देशों के व्यापार संबंध में वृद्धि होने की उम्मीद थी. डेलगाडो के मुताबिक रुकी हुई व्यापार वार्ता ने 17 अरब अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को असहज कर दिया है.

भारत के साथ कनाडा का व्यापार 2012 के लगभग 3.87 अरब अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022 में 10.18 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जिसमें कनाडा से ऊर्जा उत्पादों के निर्यात और भारतीय उपभोक्ता वस्तुओं के आयात में वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय आप्रवासियों के आवाजाही में कमी से व्यापार संबंधों में गिरावट और अधिक विनाशकारी हो सकती है.

भारत की छवि को धक्का लग सकता है

इससे भी गंभीर परिणाम यह हो सकते हैं कि चीन के खिलाफ प्रतिस्पर्धा में एक भरोसेमंद सहयोगी के रूप में भारत की छवि को धक्का लग सकता है.’

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’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि कनाडा के अधिकारी निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के पुख्ता सबूत देते हैं तो कनाडा के ‘फाइव आइज’ साझेदार भारत के साथ खुफिया जानकारी साझा करने और कानून प्रवर्तन सहयोग का पुनर्मूल्यांकन कर सकते हैं.’

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