IGMC will treat Carena patients on its own for free | आईजीएमसी अपने बूते खुद करेगा काेराेना मरीजों का निशुल्क इलाज

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शिमला15 दिन पहले

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फाइल फोटो

  • 54 तरह की दवाइयों समेत एमआरआई, सीटी स्कैन का भी मिलेगा फायदा

(साेमदत्त शर्मा) ​​ आमताैर पर आईजीएमसी में एडमिट हाेने वाले काेराेना मरीजाें काे सरकार की ओर से दी जाने वाली 54 प्रकार की दवाएं फ्री दी जा रही हैं। यदि ऐसे में उनकी तबीयत बिगड़ जाए और उन्हें महंगे इंजेक्शन देने की जरूरत पड़े या फिर एमआरआई या सीटी स्कैन समेत काेई अन्य महंगे टेस्ट करवाने पड़ें ताे इसका खर्च सरकार नहीं उठाती।

मगर अब इलाज के साथ-साथ किसी भी प्रकार के महंगे टेस्ट या इंजेक्शन के लिए आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें काे परेशान नहीं हाेने देगा। वह अपने स्तर पर उनके इलाज का खर्च उठाएगा। राेगी कल्याण समिति में काेराेना मरीजाें काे 30 हजार तक का इंजेक्शन भी फ्री लगाया जाएगा।

वहीं सीटी स्कैन, एमएआरआई और अन्य तरह के टेस्ट भी प्रशासन अपने स्तर पर करेगा। इससे काेराेना मरीजाें काे इलाज के दाैरान काेई परेशानी नहीं आ एगी। प्रशासन ने इसे लेकर हाल ही में हुई गर्वनिंग काउंसिल की बैठक में अप्रूवल भी ले ली है।

अभी यह व्यवस्था है:

माैजूदा समय में सरकार नेशनल हेल्थ मिशन के तहत मरीजाें काे 54 प्रकार के टेस्ट और दवाएं जाे जरूरी हाेती हैं, उन्हें ही काेराेना मरीजाें काे देने के लिए फंड देती थी। ऐसे में यदि डाॅक्टर काे किसी मरीज का इससे हटकर काेई टेस्ट करवाना हाेता था या फिर उन्हें इंजेक्शन देना हाेता था ताे उसके लिए काेई फंड नहीं था।

हालांकि प्रशासन इतने समय से अभी तक इलाज का खर्च उठा रहा था। मगर अब इलाज में परेशानी आ रही थी। अब प्रशासन राेगी कल्याण समिति में ही काेराेना मरीजाें के इलाज का पूरा खर्च उठाया जाएगा ताकि मरीजाें काे काेई परेशानी ना हाे।

इसलिए पड़ी जरूरतः

प्रशासन का काेराेना मरीजाें के महंगे इलाज और टेस्ट फ्री करने का एक और मकसद है। प्रशासन ने तर्क दिया कि काेराेना मरीजाें काे नियमाें के तहत अकेला रखा जाता है। ऐसे में उनके साथ ना ताे काेई तीमारदार रहता है और ना ही उनके पास ज्यादा सामान हाेता है। ऐसे में यदि मरीज काे इलाज के दाैरान काेई टेस्ट करवाना हाेता था ताे मरीज अकेला हाेने के कारण पैसे नहीं दे सकता था और ना ही परिजनाें काे वहां पर बुला सकते थे। ऐसे में अब सभी तरह का इलाज उन्हें फ्री दिया जाने का प्रावधान कर दिया है, ताकि मरीजाें काे दिक्कत ना आए।

30 हजार तक का इंजेक्शन भी फ्रीः

आमताैर पर काेराेना मरीजाें काे महंगा टाेसिलिजुमाब 400 इंजेक्शन दिया जाता है। इसकी कीमत 29300 रुपए है। इसी तरह रेमडिसीवीर इंजेक्शन भी दिया जा रहा है, यह इंजेक्शन 2403 रुपए का पड़ता है। जबकि यह इंजेक्शन फ्री ड्रग्स पाॅलिसी में भी नहीं है। इसी तरह सीटी स्कैन, एमआरआई, एक्सरे समेत अन्य टेस्ट भी काेराेना मरीजाें का फ्री नहीं किया जाता था। मगर प्रशासन ने अब इन सभी इंजेक्शन और टेस्ट काे काेराेना मरीजाें निशुल्क मुहैया करवाने का फैसला लिया है।

मरीजाें के इलाज के लिए रखे जाएंगे 10 अतिरिक्त कर्मचारीः

आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें की देखभाल के लिए 10 अतिरिक्त कर्मचारी भी रखेगा। अायुष्मान मित्र और हिमकेयर साथी ही काेराेना मरीजाें की पूरी देखभाल करेंगे। इसके लिए भी प्रशासन ने मंजूरी ले ली है। जल्द ही प्रशासन इसके लिए भर्ती करेगा। यह कर्मचारी आईजीएमसी में आने वाले हर काेराेना मरीज की देखभाल करेंगे ताकि उन्हें अकेलापन महसूस ना हाे। अभी तक अस्पतालाें में इस तरह की व्यवस्था नहीं थी।

आईजीएमसी प्रशासन काेराेना मरीजाें काे महंगे टेस्ट और इंजेक्शन फ्री में मुहैया करवाएगा। राेगी कल्याण समिति से प्रशासन इसके लिए फंड खर्च करेगा। अभी तक अस्पतालाें में काेराेना मरीजाें काे 54 तरह की दवाएं ही फ्री देने का प्रावधान था। काेराेना मरीज अकेले रहते हैं, उनके साथ ना ताे काेई तीमारदार हाेता है और ना ही रिश्तेदार, ऐसे में उनसे टेस्ट करवाने के लिए पैसे नहीं लिए जा सकते।

ऐसे में अब प्रशासन ही उनका पूरा खर्च उठाएगा। इसके लिए गवर्निंग काउंसिल की बैठक में मंजूरी ले ली गई है। डॉ Janakraj, वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक आईजीएमसी शिमला

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