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शिमला3 घंटे पहले
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फाइल फोटो
- कंपनी के इंजीनियर पहुंचेंगे आईजीएमसी, 15 दिन में पूरा करने का टारगेट
आईजीएमसी में अब काेराेना मरीजाें काे रखने के लिए प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर बनाने के लिए टीम पहुंच गई। शनिवार दाेपहर बाद रूड़की से कंपनी के इंजीनियर आईजीएमसी में पहुंचे। यहां पर उन्हाेंने स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए जगह का मुआयना किया। अब आज से यहां पर इंजीनियर अपना काम शुरू कर देंगे। दावा किया जा रहा है कि 15 से 20 दिनाें में यह स्ट्रक्चर तैयार कर लिया जाएगा।
स्ट्रक्चर के तैयार हाेने से काेराेना मरीजाें काे इसी में रखा जाएगा। यहां पर उनके लिए सभी तरह की व्यवस्थाएं हाेंगी। इसमें बेड से लेकर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर फिट किए जाएंगे। मरीजाें काे इमरजेंसी में भी यहां रखा जा सकेगा। इस बारे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी प्रशासन को आदेश दिए थे। उन्हाेंने प्रशासन काे काेराेना से निपटने के लिए एडवांस तैयारी रखने के लिए कहा है। काेराेना काफी तेजी से फैल रहा है।
अब तक जिला में 3100 मरीज काेराेना के आ चुके हैं। इसमें 750 अभी तक एक्टिव केस हैं। 82 लाेगाें की माैत हाे चुकी है। शिमला शहर में भी 700 से ज्यादा मरीज हाे चुके हैं। ऐसे में प्रशासन अब यहां पर पूरी तैयारियां रखना चाहता है, ताकि आने वाले समय में अगर काेराेना की रफ्तार और बढ़ती है ताे मरीजाें काे रखने के लिए पूरा इंतजाम हाे। हालांकि अभी भी आईजीएमसी में 80 बैड है, जाेकि अब लगातार भरते जा रहे हैं।
दाे मंजिला स्ट्रक्चर में लगेंगे 50 बैड
आईजीएमसी में तैयार किए जाने वाला प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर दाे मंजिला बनाया जाएगा और इसमें 50 से ज्यादा बैड लगाए जाएंगे। हालांकि यहां पर इमरजेंसी के लिए भी पूरी सुविधा हाेगी, मगर यहां पर हल्के लक्षण वाले नार्मल मरीजाें रखने का प्लान है।
वहीं अगर जरूरी पड़ती है ताे यहां पर बेड की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। स्ट्रक्चर तैयार हाेने के बाद प्रशासन के पास करीब 150 मरीजाें काे एक साथ रखने की क्षमता हाे जाएगी। माैजूदा समय में भी काेराेना के आईजीएमसी में 50 से ज्यादा मरीज ट्राइज और आइसाेलेशन में एडमिट हैं।
अभी 80 बैड की सुविधा है आईजीएमसी में
आईजीएमसी में माैजूदा समय में 80 बैड काेराेना मरीजाें के लिए लगाए गए हैं। यह बेड ट्राइज और आइसाेलेशन वार्ड में लगाए गए हैं। प्रदेशभर से जाे मरीज अन्य बीमारियाें के लिए आईजीएमसी आ रहे हैं या फिर फ्लू ओपीडी में आते हैं, ताे उनका सबसे पहले काेराेना टेस्ट हाे रहा है। अगर वह पाॅजिटिव आते हैं ताे उन्हें यहां पर बनाए गए आइसाेलेशन वार्ड में रखा जाता है।
ताकि काेराेना के साथ-साथ उनका दूसरी बीमारी का इलाज भी चल सके। अब काेराेना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आईजीएमसी की मेडिसन, सर्जरी, ट्रामा, ईएनटी समेत कई वार्डाें में अब तक मरीज पाॅजिटिव आ चुके हैं। जिन्हें आइसाेलेशन में शिफ्ट किया जाता है।
काेराेना संक्रमण लगातार फैल रहा है। ऐसे में यहां पर मरीजाें काे रखने के लिए प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर तैयार करने के लिए कंपनी के इंजीनियर पहुंच गए हैं। रविवार से काम शुरू कर दिया जाएगा। दाे मंजिला इस स्ट्रक्चर में शुरुआत में करीब 50 बैड लगाए जाने की क्षमता हाेगी, अगर जरूरत पड़ती है ताे इसे बढ़ा दिया जाएगा। इसमें काेराेना मरीजाें के लिए सभी सुविधाएं हाेंगी। जल्द ही यह स्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। डाॅ. रजनीश पठानिया, प्रधानाचार्य आईजीएमसी शिमला
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