दरअसल, जब माता पिता एकलौते बच्चे की परवरिश करते हैं तो उनका सारा ध्यान हर वक्त बच्चे के इर्दगिर्द रहता है और इस चक्कर में बच्चे को इतना अधिक अटेंशन वे देने लगते हैं कि उन्हें छोटे से छोटा काम करने का भी मौका नहीं देते. ऐसा ना करें क्योंकि यह उनकी पर्सनैलिटी पर बुरा असर डालता है. Image: Canva
इसलिए बेहतर होगा कि आप अपने बच्चे को इंडिपेंडेंट बनाएं और इसके लिए उसे अपना काम खुद करने या कुछ नए काम करने की आजादी दें. ऐसा करने से वह आत्मविश्वास के साथ काम करना सीखेगा और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहेगा. Image: Canva
सिंगल चाइल्ड को लेकर माता पिता बहुत अधिक एक्सपेक्टेशन बना लेते हैं. हाल यह होता है कि बच्चा छोटी सी गलती करने पर भी प्रेशर में आ जाता है और इस तरह वह आत्मविश्वास खोने लगता है. ऐसा ना करें. हमेशा याद रखें कि बच्चा गलतियों से ही सीखता है और यह उसका अधिकार भी है. Image: Canva
सिंगल चाइल्ड की मेंटैलिटी को समझें और उसे उसकी उम्र के हिसाब से ही ट्रीट करें. बच्चों का एक ही छोटा सा सपना होता है कि उनके माता पिता उनसे हमेशा खुश रहें. लेकिन अगर आप बात बात पर उनमें कमी निकालते रहते हैं तो उनके अंदर सेल्फ हेटरेस फीलिंग जन्म देने लगती है. यह निगेटिव फीलिंग बच्चे और आपके बीच के संबंध, दोनों को बर्बाद कर सकती है. Image: Canva
कुछ माता पिता अपने एकलौते बच्चे को इतना अधिक दुलारते हैं कि उसकी हर वो ख्वाहिश पूरी कर देते हैं जो वह बोलता है. ऐसा करना बच्चे के भविष्य को बर्बाद कर देना कहा जा सकता है. अधिकतर माता पिता ऐसा करते हैं और बच्चे के इमोशन को यह कह कर चोट पहुंचा देते हैं कि तुम्हें जो चाहिए वो मैं लाकर देता हूं. ऐसा करने से बचें. बेहतर होगा अगर आप बच्चे के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं और उनके साथ बातचीत और खेल कूद करें. Image: Canva
कई बार यह भी देखा जाता है कि सिंगल चाइल्ड पर माता पिता अपनी इच्छाएं थोपने लगते हैं. वे अपनी सारी इच्छाओं को बच्चों के माध्यम से पूरा करना चाहते हैं. इस लक्ष्य को पूरा करने के चक्कर में उनकी सारी आजादी छिन जाती है और बच्चे अकेलापन महसूस करने लगते हैं. इस तरह अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बेहतर करे और आपके बीच अच्छी बॉडिंग रहे तो इसके लिए आप उन्हें अपना बचपन जीने की आजादी दें. Image: Canva