SBI ने महंगा किया कर्ज: होम लोन की EMI में कितनी बढ़ेगी बढ़ोतरी

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नई दिल्ली:

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक SBI ने एक बार फिर से अपने कर्ज की ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर दी है। यह समाचार उन लाखों लोगों के लिए एक बड़ा झटका है जो सस्ते कर्ज के इंतजार में थे। SBI ने सोमवार को घोषणा की कि उसके इंटर्नल बेंचमार्क मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) को 5 से 10 आधार अंक बढ़ाया गया है। नई ब्याज दरें 15 जुलाई से ही लागू हो चुकी हैं, जिसके परिणामस्वरूप इस बेंचमार्क से जुड़े सभी तरह के कर्ज और उनकी EMI में भी वृद्धि हो गई है।

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नई ब्याज दरें:

SBI की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, बैंक ने 1 साल के लोन पर एमसीएलआर को 0.10 फीसदी बढ़ा दिया है, जिससे यह दर अब 8.85 फीसदी हो गई है। इसी तरह, 3 महीने के लोन पर MCLR 0.10 फीसदी बढ़कर 8.4 फीसदी, 6 महीने पर 0.10 फीसदी बढ़कर 8.75 फीसदी और 2 साल के लोन पर MCLR 0.10 फीसदी बढ़कर 8.95 फीसदी हो गया है। 3 साल के लोन पर ब्याज बढ़ाकर 9 फीसदी कर दिया गया है। एक दिन के लोन पर ब्याज 8.10 फीसदी तो एक महीने के लोन पर एमसीएलआर 8.35 फीसदी कर दिया है।

होम लोन की EMI पर असर:

SBI की ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद होम लोन की EMI पर क्या असर पड़ेगा, यह जानना महत्वपूर्ण है। मान लीजिए कि किसी व्यक्ति ने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लिया है, तो उसे अब कितनी ईएमआई चुकानी होगी?

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मान लें कि पहले इस लोन की ब्याज दर 8.75 फीसदी थी। 20 साल (240 महीनों) के लिए 30 लाख रुपये के लोन पर मासिक EMI लगभग 26,419 रुपये होगी। अब, यदि ब्याज दर बढ़कर 8.85 फीसदी हो गई है, तो नई EMI लगभग 26,670 रुपये होगी। यानी, हर महीने लगभग 251 रुपये की अतिरिक्त ईएमआई चुकानी होगी।

लगातार बढ़ रही ब्याज दरें:

यह लगातार दूसरा महीना है जब एसबीआई ने अपने कर्ज की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। जून महीने में भी बैंक ने अपनी ब्याज दरें 0.10 फीसदी बढ़ा दी थीं। यह बढ़ोतरी ऐसे समय में आई है जब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी नीतिगत ब्याज दरों को स्थिर रखा हुआ है। बैंकिंग विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियों के चलते बैंकिंग क्षेत्र में ब्याज दरों में इस तरह की वृद्धि हो रही है।

सभी ग्राहकों पर नहीं होगा असर:

यह जानना महत्वपूर्ण है कि SBI की ओर से एमसीएलआर में बढ़ोतरी का असर सभी ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा। अब ज्यादातर खुदरा कर्ज को रेपो रेट जैसे बाहरी बेंचमार्क से जोड़ दिया गया है, जबकि कुछ पुराने कर्ज ही एमसीएलआर से जुड़े हैं। इसलिए, एमसीएलआर में बढ़ोतरी का असर सिर्फ उन्हीं ग्राहकों पर होगा जिनके कर्ज अभी भी बैंक के आंतरिक बेंचमार्क से जुड़े हैं।

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क्या करें ग्राहक

ब्याज दरों में बढ़ोतरी से प्रभावित ग्राहकों के लिए कुछ सुझाव:

  1. रीफाइनेंसिंग पर विचार करें: यदि आपके पास एमसीएलआर से जुड़ा कर्ज है, तो आप रीफाइनेंसिंग के बारे में विचार कर सकते हैं। इससे आप कम ब्याज दर पर नया कर्ज ले सकते हैं।
  2. प्रीपेमेंट पर ध्यान दें: यदि संभव हो, तो आप अपने कर्ज का कुछ हिस्सा प्रीपे कर सकते हैं। इससे आपकी कुल ब्याज देनदारी कम होगी।
  3. EMI में वृद्धि स्वीकार करें: यदि आपके पास प्रीपेमेंट का विकल्प नहीं है, तो आपको अपनी SBI में वृद्धि स्वीकार करनी होगी और अपने मासिक बजट को उसी के अनुसार समायोजित करना होगा।

SBI की ब्याज दरों में बढ़ोतरी ने कर्ज लेने वालों के लिए स्थिति को थोड़ा कठिन बना दिया है। हालांकि, सही रणनीतियों और वित्तीय प्रबंधन के साथ, ग्राहक इस चुनौती का सामना कर सकते हैं। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने कर्ज के ब्याज दरों पर नजर रखें और यदि संभव हो, तो ब्याज दरों में परिवर्तन के समय अपने वित्तीय निर्णयों को पुनः मूल्यांकित करेंhttp://SBI ने महंगा किया कर्ज: होम लोन की EMI में कितनी बढ़ेगी बढ़ोतरी

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