How did the absconding police officer’s pistol get deposited, why not interrogate the soldier’s brother? | फरार थानेदार का सरकारी पिस्टल कैसे हुआ जमा, सिपाही के भाई से पूछताछ क्यों नहीं ?

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भागलपुर15 घंटे पहले

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बिहपुर थानेदार रंजीत मंडल और उसके साथी पुलिसवालों की पिटाई से इंजीनियर आशुतोष पाठक की मौत मामले में अब तक फरार थानेदार की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस आरोपी थानेदार रंजीत मंडल का घर कुर्क कर चुकी है। उधर, फरार थानेदार रंजीत मंडल का सरकारी पिस्टल कुछ दिन पहले नवगछिया पुलिस लाइन के कोत में जमा हुआ है।

सूत्रों का कहना है कि आरोपी थानेदार रंजीत का सिपाही भाई सरकारी पिस्टल लेकर जमा करने पहुंचा था। लेकिन पुलिस ने आरोपी के सिपाही भाई से पूछताछ तक नहीं की। यह जांच का विषय है कि भाई के पास फरार थानेदार का सरकारी पिस्टल कैसे पहुंचा। जाहिर है कि फरार थानेदार अपने परिजन से मिल रहा है। लेकिन पुलिस उसे पकड़ नहीं पा रही है। पहले भी फरार थानेदार व्हाट्सएप पर एक्टिव रहता था, लेकिन पुलिस उसका पता नहीं लगा पाई। इस मामले में शुरू से नवगछिया पुलिस पर थानेदार को बचाने का आरोप लग रहा है। इस कारण अब तक फरार थानेदार की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

डीआईजी ने रिव्यू कर कहा, फरार थानेदार को गिरफ्तार करें
डीआईजी सुजीत कुमार ने एसआईटी टीम के साथ इस केस की रिव्यू की और फरार थानेदार रंजीत मंडल को गिरफ्तार करने का निर्देश नवगछिया एसपी
को दिया। डीआईजी ने तकनीकी और मैनुअल दोनों तरीके से केस के अनुसंधान का निर्देश दिया। भागलपुर से टेक्निकल टीम भी नवगछिया भेजा गया है। बता दें कि इस मामले में पुलिस एक जमादार और होमगार्ड जवान को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।

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