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संगरूर14 घंटे पहले
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- कृषि कानून रद्द करवाने की मांग को लेकर किसान-मजदूर यूनियन एक बार फिर सड़क पर
- ट्रैक के बाद प्लेटफार्म से भी हटी भाकियू, 26 काे दिल्ली कूच
36 दिनों से कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर संघर्ष पर डटे विभिन्न किसान- मजदूर संगठनों में रोष बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में वीरवार को किसानों ने महावीर चौक, बेनड़ा, धूरी, मालरेकोटला सहित जिलेभर में 14 स्थानों पर हाइवे रोक कर अपनी आवाज को बुलंद किया। दोपहर 12 बजे 4 बजे तक जिले से दिल्ली, लुधियाना, पटियाला, बठिड़ा हाइवे समेत जाखल रोड भी बुरी तरह से प्रभावित रही है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस की ओर से कई स्थानों पर रास्ता डाइवर्ट कर दिया गया था बावजूद वाहन चालकों को 10 किलोमीटर तक का अधिक सफर तय कर मंजिल की ओर बढ़ना पड़ा है।
भाकियू की मानें तो देशव्यापी चक्का जाम देश के 350 संगठनों ने पूरे देश में हाईवे जाम रखे हैं। दूसरी तरह 30 किसान संगठनों की ओर से रेलवे लाइन से हटाकर प्लेटफार्म में किए गए प्रदर्शन को भी हटा लिया है। अब किसान संगठन प्लेटफार्म को भी खाली कर स्टेशन के बाहर पार्क में दिन-रात धरना देंगे। भाकियू उगराहां के राज्य प्रधान जोगिन्द्र सिंह उगराहां, कार्यकारी प्रधान जसविन्द्र सोमा, जिला प्रधान अमरीक गंढूआ, दरबारा छाजला का कहना है कि पूरे पंजाब में रेलवे ट्रैक खाली किए जा चुके हैं बावजूद केन्द्र सरकार जानबूझ कर पंजाब में माल गाड़ियोंं का परिचालन शुरू नहीं कर रही।
बदले और किसान विरोधी राजनीति कर मोदी सरकार किसानों और पंजाब को बर्बाद करना चाहती है। कुलहिंद किसान सभा के बलदेव सिंह, किरती किसान यूनियन के भूपिंदर लौंगोवाल, भाकियू सिद्धूपुर के विक्रमजीत सिंह, भाकियू डकौंदा के सुखदेव सिंह व भाकियू राजेवाल के हरजीत मंगवाल ने कहा कि कृषि कानूनों पर केंद्र किसानों की बात तक सुनने को तैयार नहीं है। बातचीत करने की बजाय नक्सली व दलाल कहा जा रहा है।
26 को रामलीला ग्राउंड में जुटेंगे देश के किसान
केन्द्र के खिलाफ पंजाब समेत देश के किसानों का गुस्सा बढ़नेे लगा है। इस कारण किसान आने वाली 26 नवंबर को दिल्ली में कूच करेंगे। रामलीला ग्राउंड में लाखों की संख्या में किसान केन्द्र सरकार के प्रति अपना रोष प्रगट करेंगे।
मेन हाईवे को जोड़ते छोटे रास्तों से निकाले गए वाहन
दोपहर 12 बजे से 4 बजे तक चक्का जाम के दौरान पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद रही है। पुलिस ने धरनों से पहले ही मेन हाइवे को जोड़ते छोटे रास्तों से वाहनों को निकालने का प्रयास किया। लेकिन बड़े वाहनों और दूरी अधिक पड़ने के कारण चालकों को परेशानी उठानी पड़ी है।
केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन में किसानों के साथ महिलाओं ने भी बुलंद की आवाज
केंद्र सरकार के द्वारा पास किए गए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने शुरू किए संघर्ष के तहत दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक चक्का जाम किया। जिसमें बड़ी संख्या में किसान, महिलाएं व बच्चे शामिल हुए। किसानों ने एलान किया कि जब तक कृषि कानून रद्द नहीं हो जाते तब तक वह अपना धरना प्रदर्शन इसी तरह से जारी रखेंगे।
जिले में नेशनल हाईवे धनौला, मानसा रोड धौला, बठिंडा रोड हंडियाया, गांव ठुल्लीवाल, टोल प्लाजा बड़बड़, चीमा, महलकला पर 30 किसान संगठनों की तरफ से चक्का जाम किया गया। इस मौके पर संबोधित करते हुए दर्शन सिंह, बलौर सिंह, राम सिंह, मनजीत सिंह आदि ने कहा कि 1 महीने से अधिक समय से किसान सड़कों पर बैठे हैं। अब किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। इस दौरान पुलिस की तरफ से लाॅ एड ऑर्डर को बहाल रखने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सभी एसएचओ, डीएसपी सहित सभी पुलिस अधिकारी ड्यूटी पर तैनात थे।
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