HAU Hisar Update: सरकार की कृषक हितकारी योजनाओं से किसानों को मिल रहे है फसलों के बेहतर दाम: जय प्रकाश दलाल

0

किसान कम से कम अपने खाने के लिए प्राकृतिक खेती जरूर करें। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को देसी गाय खरीदने पर 25 हजार रूपए का अनुदान मिलेगा। प्रदेश की सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए विश्वविद्यालय व कृषि विभाग के माध्यम से किसानों को तकनीकी ज्ञान व आर्थिक मदद दी जा रही है। ये विचार प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जय प्रकाश दलाल ने कहे। वह आज चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण ङ्क्षसह की जयंती पर आयोजित किसान दिवस पर बतौर मुख्यातिथि किसानों को संबोधित कर रहे थे।

8X1A0290
प्रदेश के विभिन्न जिलों से आई प्रगतिशील कृषक महिलाओं को सम्मानित करते हुए मुख्यातिथि व कुलपति

हरियाणा इकलौता ऐसा प्रदेश है जिसमें किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जितना प्रीमियम भरा उससे 500 करोड़ रूपए अधिक का क्लेम मिला। इसके अलावा हरियाणा अकेला ऐसा प्रदेश है जो किसानों से सबसे ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर फसलों की खरीद कर रहा है। इससे पता चलता है कि हरियाणा का कृषि विभाग प्रदेश के किसानों की भलाई के लिए अधिक संवेदनशील है। उन्होंने प्रदेश में किसानों के हित में चलाई जा रही कृषि, पशुपालन एवं मछली पालन संबंधी योजनाओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। मछली पालन व्यवसाय से प्रदेश के 10 हजार किसानों को करोड़पति बनाए जाने की संभावना है।

8X1A0059
मंच पर उपस्थित मुख्यातिथि जय प्रकाश दलाल व अन्य अधिकारीगण

इसके अलावा देश-प्रदेश में हरे चारे की कमी को देखते हुए सरकार हरे चारे से साइलेज़ बनाने के व्यवसाय को 50 लाख रूपए तक की आर्थिक मदद दे रही है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रदेश के अधिकतर किसान छोटे व मझौले है, उनकी जोत छोटी है जिससे वह नवीनतम तकनीक का लाभ नहीं ले पाते। इसलिए कृषकों को संगठित होकर खेती करने की जरूरत है। इसी कड़ी में केन्द्र व प्रदेश की सरकार किसानों को एफपीओ बनाकर खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है व आर्थिक मदद दे रही है। सरकार एफपीओ को 90 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है।

HAU Hisar Update: हर जिले के केवीके में प्राकृतिक खेती का प्रदर्शन प्रक्षेत्र: प्रो. बी.आर. काम्बोज

समारोह की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रत्येक जिलें में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र पर एक एकड़ का प्राकृतिक खेती का मॉडल प्रदर्शन प्रक्षेत्र स्थापित कर चुका है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित नवीनतम कृषि तकनीक जल्दी से जल्दी किसानों तक पहुंचाना हमारा मुख्य उद्देश्य है। विश्वविद्यालय ना केवल फसलों के उत्पादन बढ़ाने पर शोध कर रहा है बल्कि उनकी गुणवत्ता बढ़ाने, कम पानी में उगाई जाने वाली किस्में विकसित करने व बदलती जलवायु के प्रति सहनशील किस्में भी विकसित कर रहा है।

 

हाल ही में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित बाजरे की बायोफोर्टिफाइड किस्में व ज्वार की संकर किस्में विकसित की हैं। विश्वविद्यालय कृषि उत्पादन के प्रसंस्करण, कपास, आलु, गन्ना, मक्का आदि फसलों में सुक्ष्म सिंचाई, जैविक व प्राकृतिक खेती की कृषि पद्यतियां विकसित करना, ग्रामीण आंचल के युवक युवतियों को स्किल डेवलमेंट ट्रेनिंग प्रदान कर रहा है।
प्रदेश में कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने सिरसा के गांव झोरडऩाली के मुकेश पुत्र श्री लालचंद को किसान रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रदेश भर के 40 किसानों को भी सम्मानित किया गया।

अनुसंधान निदेशक डॉ. जीतराम शर्मा ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां बताई। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ. बलवान सिंह मंडल ने सभी का स्वागत किया और कृषि अधिष्ठाता डॉ. एस.के. पाहुजा ने सभी का धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया। इस अवसर पर मुख्यातिथि ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here