हरियाणा प्रदेश में महिलाओ ने अहोई माता की कहानी सुनी और सूरज को जल अर्पित किया।

0
the nation times
festivals

हरियाणा, 8 नवंबर 2020

पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन समय की बात है एक नगर में एक साहूकार (सेठ) अपनी बेटी के साथ हंसी-ख़ुशी रहता था. एक दिन की बात है साहूकार की बेटी मिट्टी काटने गई, जहां वह मिट्टी काट रही थी ठीक उस स्थान पर स्याहु (साही) अपने साथ बेटों से साथ रहती थी. मिट्टी काटते हुए गलती से साहूकार की बेटीकी खुरपी के चोट से स्याहु का एक बच्चा मर गया. इस पर क्रोधित होकर स्याहु ने कहा कि मैं तुम्हारी कोख बांझ कर दूंगी.

स्याहु के वचन सुनकर साहूकार की बेटी अपनी सातों भाभियों से एक-एक कर विनती करती हैं कि वह उसके बदले अपनी कोख बंधवा लें. सबसे छोटीभाभी ननद के बदले अपनी कोख बंधवाने के लिए तैयार हो जाती है. इसके बाद छोटी भाभी के जो भी बच्चे होते हैं, वे सात दिन बाद मर जाते हैं सात पुत्रोंकी इस प्रकार मृत्यु होने के बाद उसने पंडित को बुलवाकर इसका कारण पूछा. पंडित ने सुरही गाय की सेवा करने की सलाह दी.
सुरही सेवा से प्रसन्न होती है और छोटी बहु से पूछती है कि तू किस लिए मेरी इतनी सेवा कर रही है और वह उससे क्या चाहती है? जो कुछ तेरीइच्छा हो वह मुझ से मांग ले. साहूकार की बहु ने कहा कि स्याहु माता ने मेरी कोख बांध दी है जिससे मेरे बच्चे नहीं बचते हैं. यदि आप मेरी कोख खुलवा देतो मैं आपका उपकार मानूंगी. गाय माता ने उसकी बात मान ली और उसे साथ लेकर सात समुद्र पार स्याहु माता के पास ले चली.
रास्ते में थक जाने पर दोनों आराम करने लगते हैं. अचानक साहूकार की छोटी बहू की नजर एक ओर जाती हैं, वह देखती है कि एक सांप गरूड़ पक्षी के बच्चे को डंसने जा रहा है और वह सांप को मार देती है. इतने में गरूड़ वहां आ जाती है और खून बिखरा हुआ देखकर उसे लगता है कि छोटी बहू ने उसके बच्चे को मार दिया है इस पर वह छोटी बहू को चोंच मारना शुरू कर देती है.

the nation times
छोटी बहू इस पर कहती है कि उसने तो उसके बच्चे की जान बचाई है. गरूड़ पक्षी इस पर खुश होती है और सुरही सहित उन्हें स्याहु के पास पहुंचा देती है.
वहां छोटी बहू स्याहु की भी सेवा करती है. स्याहु छोटी बहू की सेवा से प्रसन्न होकर उसे सात पुत्र और सात बहू होने का आशीर्वाद देती है. स्याहु छोटी बहू को सात पुत्र और सात पुत्र वधुओं का आर्शीवाद देती है. और कहती है कि घर जाने पर तू अहोई माता का उद्यापन करना. सात सात अहोई बनाकर सात कड़ाही देना. उसने घर लौट कर देखा तो उसके सात बेटे और सात बहुएं बेटी हुई मिली. वह ख़ुशी के कारण भाव-भिवोर हो गई. उसने सात अहोई बनाकर सातक ड़ाही देकर उद्यापन किया.

festival 7

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here