1 लाख युवाओं को रोजगार: Hisar एयरपोर्ट के पास 2988 एकड़ जमीन पर नई पहल
Haryana सरकार और केंद्र सरकार मिलकर राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू करने जा रही हैं। Hisar एयरपोर्ट के पास 2988 एकड़ जमीन पर इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (आईएमसी) बनाने की योजना है, जो न केवल औद्योगिक विकास को गति देगा, बल्कि हरियाणा के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेगा। इस परियोजना के अंतर्गत 1 लाख से अधिक नौकरियों के सृजन का दावा किया जा रहा है।
परियोजना का विस्तृत विवरण
यह महत्वाकांक्षी परियोजना नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनआईसीडीसी) के तहत चलाई जा रही है और इस पर 4694.46 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इस परियोजना के तहत हिसार एयरपोर्ट पर एक ड्राई पोर्ट भी बनाया जाएगा, जिससे ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा और यहां बनने वाले सामान को देशभर में भेजना आसान होगा।
इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर: क्षेत्रवार वितरण
इस परियोजना का पहला चरण 1605 एकड़ भूमि में फैला होगा, जिसमें विभिन्न उपयोगों के लिए भूमि आवंटित की गई है:
- औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स: 980.20 एकड़ (61%)
- वाणिज्यिक उपयोग: 39.02 एकड़ (2%)
- सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक उपयोग: 48.60 एकड़ (3%)
- आवासीय उपयोग: 34.90 एकड़ (2%)
- सेवाओं के लिए: 28.50 एकड़ (2%)
- हरित और जल निकाय: 242.52 एकड़ (15%)
- सड़कों और उपयोगिताओं के लिए: 231.26 एकड़ (15%)
इंडस्ट्रियल क्लस्टर के आसपास का वातावरण
इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के आसपास पहले से ही मेटल इंडस्ट्री, इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक्स, कॉटन और टेक्सटाइल, और कृषि में खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग स्थापित हैं। यह आईएमसी के लिए एक सकारात्मक बात है, क्योंकि इन उद्योगों के साथ सहयोग से क्लस्टर को तेजी से विकसित करने में मदद मिलेगी।
औद्योगिक क्षेत्र में भूमि आवंटन
प्रस्तावित आईएमसी में विभिन्न उद्योगों के लिए भूमि आवंटन इस प्रकार है:
- एयरोस्पेस और डिफेंस: 343.20 एकड़
- फूड प्रोसेसिंग: 172 एकड़
- इंजीनियरिंग और फैब्रिकेशन: 289.80 एकड़
- रेडीमेड गारमेंट्स: 92.20 एकड़
- कॉमन रेडी शेड्स: 12.73 एकड़
- लॉजिस्टिक्स पार्क: 70 एकड़
योजना के कार्यान्वयन की दिशा में उठाए गए कदम
राज्य के नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने प्रस्तावित मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए बताया कि एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को राज्य सरकार की ओर से मंजूरी मिल गई है और क्लस्टर के लिए 100% भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है। एनपीजी की संस्तुति भी प्राप्त हो चुकी है, और मास्टर प्लान पीडीआर और लागत अनुमान तैयार कर लिया गया है। बिजली और पानी की आवश्यक मंजूरी भी राज्य सरकार से प्राप्त हो गई है।
रोजगार और आर्थिक विकास की संभावना
इस परियोजना से न केवल हिसार, बल्कि पूरे हरियाणा में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। 1 लाख से अधिक रोजगार सृजन का दावा किया जा रहा है, जिससे हरियाणा के युवाओं को नए अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा, इस परियोजना से राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और हिसार शहर को विश्व मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।
Haryana के औद्योगिक विकास में नया अध्याय
Haryana के Hisar में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) न केवल राज्य में औद्योगिक विकास को गति देगा बल्कि देश की औद्योगिक धारा में भी एक महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह परियोजना विभिन्न उद्योगों और सेवाओं को एक ही छत के नीचे लाकर एक नई औद्योगिक संरचना की नींव रखेगी।
परिवहन और कनेक्टिविटी
IMC के निर्माण से न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी वृद्धि होगी। Hisar एयरपोर्ट पर बनने वाले ड्राई पोर्ट के माध्यम से माल की आवाजाही में तेजी आएगी। इसके अलावा, नजदीकी डीएफसी स्टेशनों और नेशनल हाईवे 9 और 52 के साथ इंटरफेस कनेक्टिविटी से क्लस्टर की लॉजिस्टिक क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम गतिशक्ति योजना के तहत सहमति
पीएम गतिशक्ति योजना के तहत 21 जून 2024 को आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 73वीं बैठक में गैस पाइपलाइन, हाई स्पीड रेल और ओएफसी के प्रावधान पर सहमति बनी थी। इस योजना के तहत भारतीय रेलवे नेटवर्क और डीएफसी के बीच इंटरफेस कनेक्टिविटी विकसित करने के संबंध में बातचीत हुई थी, जिससे क्लस्टर की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
मास्टर प्लान और कार्यान्वयन
मास्टर प्लान की जानकारी देते हुए नागरिक उड्डयन मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने बताया कि फेज 1 के तहत 1605 एकड़ भूमि में विभिन्न उपयोगों के लिए भूमि आवंटित की गई है। मास्टर प्लान को कभी भी अधिसूचित किया जा सकता है, और राज्य सरकार से बिजली और पानी की आवश्यक मंजूरी मिल चुकी है।
इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के प्रभाव
इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के निर्माण से Haryana में कई सकारात्मक बदलाव आएंगे:
- रोजगार सृजन: 1 लाख से अधिक नौकरियों का सृजन होगा, जिससे राज्य के युवाओं को रोजगार मिलेगा।
- औद्योगिक विकास: विभिन्न उद्योगों का एक ही छत के नीचे निर्माण होने से औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
- लॉजिस्टिक क्षमता में वृद्धि: ड्राई पोर्ट और इंटरफेस कनेक्टिविटी से माल की आवाजाही में तेजी आएगी।
- आर्थिक विकास: बड़े उद्योगों के निवेश से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- वैश्विक पहचान: हिसार शहर को विश्व मानचित्र पर एक नई पहचान मिलेगी।
राज्य सरकार की भूमिका
राज्य सरकार ने इस परियोजना को सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। एसएचए-एसएसए ड्राफ्ट को मंजूरी मिल चुकी है और 100% भूमि का अधिग्रहण हो चुका है। इसके अलावा, एनपीजी की संस्तुति भी प्राप्त हो चुकी है और मास्टर प्लान पीडीआर और लागत अनुमान तैयार कर लिया गया है।
इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर Haryana के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जो राज्य में औद्योगिक विकास और रोजगार के नए अवसर सृजित करेगी। हिसार एयरपोर्ट के पास 2988 एकड़ जमीन पर बनने वाली इस परियोजना से राज्य में आर्थिक विकास को गति मिलेगी और युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। इस परियोजना के सफल कार्यान्वयन से हरियाणा का औद्योगिक परिदृश्य बदल जाएगा और राज्य में निवेश के नए रास्ते खुलेंगे।