Sundar Pichai और Anjali Pichai को IIT खड़गपुर ने किया सम्मानित
सफलता के शिखर पर पहुँचने वाले व्यक्ति को अपनी जड़ों का सम्मान करना एक अलग अनुभव होता है। Google के CEO Sundar Pichai और उनकी पत्नी Anjali Pichai को IIT खड़गपुर की उनकी अल्मा मेटर से सम्मान मिलने पर ऐसा ही अनुभव हुआ। सैन फ्रांसिस्को में हुआ समारोह में सुंदर पिचाई को ऑनरेरी डॉक्टर ऑफ साइंस की डिग्री दी गई और अंजलि पिचाई को डिस्टींग्विश्ड एलुमनस अवॉर्ड दिया गया।
एक भावुक होमकमिंग
यह सम्मान एक भावुक होमकमिंग की जगह एक व्यक्तिगत उपलब्धि थी। आईआईटी खड़गपुर ने पिचाई को उनके उत्कृष्ट करियर और योगदान के लिए यह सम्मान दिया। उस अवसर पर पिचाई ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट पोस्ट की, “पिछले सप्ताह मुझे मेरी अल्मा मेटर आईआईटी खड़गपुर से ऑनरेरी डॉक्टर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त करने का सौभाग्य मिला।” मेरे माता-पिता हमेशा चाहते थे कि मैं एक डॉक्टर बनूँ, और मुझे लगता है कि ऑनरेरी डिग्री भी आवश्यक है।”
IIT खड़गपुर से संबंधित स्मृति
सुंदर पिचाई आईआईटी खड़गपुर से बहुत जुड़ा हुआ है। उन्होंने बीटेक की पढ़ाई यहीं की थी, जो उनके करियर की नींव रखी। उनकी पत्नी अंजलि भी आईआईटी खड़गपुर की छात्रा थीं। यह संस्थान उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है और यहाँ से मिली शिक्षा ने उन्हें गूगल, विश्व की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक का सीईओ बनने में मदद की।
एक प्रेरणादायक सफर
सुंदर पिचाई का सफर एक साधारण भारतीय परिवार से शुरू होकर गूगल के सीईओ बनने तक का है। उनका जन्म तमिलनाडु के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे और मां स्टेनोग्राफर। पिचाई ने आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और फिर स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमएस और व्हार्टन स्कूल से एमबीए किया।
उनका करियर गूगल में 2004 में शुरू हुआ, जहां उन्होंने गूगल टूलबार और बाद में गूगल क्रोम जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम किया। उनके नेतृत्व में गूगल ने कई महत्वपूर्ण उत्पाद और सेवाओं को विकसित किया और आज वे गूगल और उसकी पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ हैं।
Anjali Pichai : एक सहयोगी और प्रेरणा स्रोत
Sundar Pichai की सफलता में उनकी पत्नी अंजलि पिचाई का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अंजलि, जो खुद आईआईटी खड़गपुर की छात्रा रही हैं, ने अपने करियर और परिवार को संतुलित रखते हुए सुंदर का साथ दिया है। उन्होंने सुंदर को हर मुश्किल वक्त में सहारा दिया और उनके फैसलों में उनका समर्थन किया।
इंस्टाग्राम पोस्ट का संदेश
Sundar Pichai का इंस्टाग्राम पोस्ट केवल एक खुशी का इजहार नहीं था, बल्कि यह एक संदेश भी था। उन्होंने लिखा, “मेरे माता-पिता हमेशा चाहते थे कि मैं डॉक्टर बनूं, मुझे लगता है कि ऑनरेरी डिग्री भी गिनी जाती है :)” इस पोस्ट में उन्होंने अपने माता-पिता की इच्छाओं का सम्मान किया और यह भी बताया कि वे उनके आशीर्वाद और समर्थन के बिना यहां तक नहीं पहुंच सकते थे।
भारतीय प्रतिभा का विश्व पटल पर प्रदर्शन
सुंदर पिचाई और अंजलि पिचाई का सम्मान केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय प्रतिभा का विश्व पटल पर प्रदर्शन भी है। यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि भारतीय प्रतिभाएं अपने कठिन परिश्रम और लगन से विश्व में किसी भी स्तर पर सफलता प्राप्त कर सकती हैं।
शिक्षा का महत्व
इस सम्मान से यह भी स्पष्ट होता है कि शिक्षा का महत्व कितना अधिक है। IIT खड़गपुर जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं से मिली शिक्षा और वहां के अनुभव ने सुंदर और अंजलि को जीवन में उच्चतम स्तर तक पहुंचने में मदद की। शिक्षा केवल ज्ञान नहीं देती, बल्कि यह हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करती है और हमें जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार करती है।
एक प्रेरणादायक उदाहरण
सुंदर पिचाई और अंजलि पिचाई का जीवन और उनकी सफलता आज के युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। उनके संघर्ष, मेहनत और समर्पण की कहानी हमें सिखाती है कि किसी भी परिस्थिति में, अगर हम अपनी मेहनत और समर्पण से काम करें तो हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं।
सुंदर पिचाई और अंजलि पिचाई का सम्मान एक ऐतिहासिक अवसर है जो शिक्षा और भारतीय प्रतिभा का महत्व बताता है। यह हमें सिखाता है कि किसी भी परिस्थिति में अगर हम अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित और निष्ठावान रहें, तो हम जीवन में उच्चतम स्तर तक पहुंच सकते हैं। यह सम्मान प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरणा देता है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
IIT खड़गपुर से मिले इस सम्मान ने न सिर्फ सुंदरता और अंजलि को गर्वित किया है, बल्कि हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था और युवाओं की संभावनाओं को भी उजागर किया है। हम सभी इस प्रेरणा को अपने जीवन में लाएं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाएं।