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बठिंडा15 घंटे पहले
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रेलवे की ओर से 12 नवंबर से मालगाड़ी के साथ यात्री गाड़ियां चलाने के एलान पर 30 किसान संगठनों के साझा मंच ने तीखा विरोध जताया है। किसान सिर्फ मालगाड़ियां ही चलने देने की बात पर अड़े हैं, इससे रेलगाड़ियों के संचालन में एक बार फिर से अवरोध खड़े होने के आसार बन गए हैं। रेलवे किसानों की शर्तों पर रेलगाड़ियों का संचालन नहीं करना चाहता जिसके बारे में रेलवे बोर्ड ने पहले ही वस्तुस्थिति स्पष्ट कर दी थी।
30 किसान संगठनों के सांझा मंच में शामिल भाकियू क्रांतिकारी के प्रांतीय नेता डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि किसानों ने सिर्फ गुड्स व मालगाड़ियां चलाने की शर्त पर ही रेलवे ट्रैक खाली किए हैं। अगर रेलवे की ओर से यात्री गाड़ियां चलाई गई तो किसान संगठनों की ओर से उन्हें रोका जाएगा।
उन्होंने कहा कि किसानों ने 22 अक्टूबर से रेलवे ट्रैक को खाली कर दिया है, पहले तो वे रेल लाइनों के पास बैठे थे, लेकिन अब वे बहुत दूर जा बैठे हैं। इसके बावजूद गाड़ियां नहीं चलाना सीधे तौर पर अपनी मनमानी थोपने की रणनीति करना है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार व रेलवे के लिए इस तरह की चालें चलना उचित नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से रेलगाड़ियां चलाने के लिए रास्ता क्लियर होने की शर्त पर खेती आर्डिनेंस का विरोध जता रहे किसान संगठनों की ओर से ट्रैक छोड़कर थोड़ी दूरी पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। वहीं टोल प्लाजा व बनांवाली थर्मल समेत कार्पोरेट सेक्टर के कारोबार का घेराव जारी है।
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