[ad_1]
- हिंदी समाचार
- स्थानीय
- पंजाब
- अमृतसर
- ग्वालियर जेल से, 52 राजाओं गुरु हरगोबिंद साहिब के अंगरखा पर कब्जा कर लिया गया था और 52 राजा जहांगीर की कैद से मुक्त होकर, इस खुशी में, दीपमाला को हो गया था।
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
अमृतसर3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

- दाल रोटी घर दी… दिवाली अम्बरसर दी…
इतिहासकारों के मुताबिक मुगलों ने जब मध्य प्रदेश के ग्वालियर किले को अपने कब्जे में लिया तो इसे जेल में तब्दील कर दिया। किले में मुगल सल्तनत के लिए खतरा माने जाने वाले लोगों को कैद करके रखा जाता था। बादशाह जहांगीर ने यहां 52 राजाओं के साथ 6वें सिख गुरु हरगोबिंद साहिब को कैद रखा था। मुगल बादशाह जहांगीर ने गुरु हरगोबिंद साहिब को ग्वालियर के किले में लगभग दो साल तक कैद में रखा। एक फकीर ने गुरु हरगोबिंद साहिब को तत्काल रिहा करने की सलाह दी।
रिहाई का आदेश जारी हुआ तो गुरु साहिब 52 कैदी राजाओं को भी रिहा करने की मांग करने लगे। कहा कि उनके बिना वह जेल में बाहर नहीं जाएगी। जहांगीर ने उन 52 राजाओं को रिहा करना मुगल सल्तनत के लिए खतरनाक लग रहा था। उसने फकीर की सलाह पर हुक्म जारी किया कि जितने राजा गुरु हरगोबिंद साहिब का दामन थाम कर बाहर आ सकेंगे वे रिहा कर दिए जाएंगे। बादशाह को लग रहा था कि 52 राजा इस तरह बाहर नहीं आ पाएंगे। कैदी राजाओं को रिहा करवाने के लिए गुरु साहिब ने 52 कलियां का अंगरखा सिलवाया। गुरु जी ने वह अंगरखा पहना और हर कली के छोर को 52 राजाओं ने थाम लिया व सभी राजा रिहा हो गए। गुरु हरगोबिंद साहिब को इसी वजह से दाता बंदी छोड़ कहा जाता है। इसी खुशी में पहली बार दीपमाला की गई।
[ad_2]
Source link