Free sunder kand path: राजस्थान में एक समिति ऐसी है जो पिछले 40 साल से घर-घर जाकर मुफ्त सुंदरकांड का पाठ कर धर्म की अलख जगा रही है. इस समिति की खास बात ये है की यहां चढ़ावे के नाम पर भी एक पैसा किसी से नहीं लिया जाता है, अगर आयोजन कर्ता स्वेच्छा से कुछ धन राशि देता है तो उस धन राशि को गौशाला में निराश्रित गौवंश की सेवा के लिए भेंट कर दिया जाता है.
तो वहीं, मुफ्त सुंदरकांड का पाठ करवाने वालों की फेहरिस्त इतनी लंबी है कि समिति के पास तीन महीने की एडवांस बुकिंग चल रही है. बुर्ज का बालाजी मंदिर सुंदरकांड समिति के अध्यक्ष गोपालकृष्ण तिवाड़ी बताते है कि सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से उनके द्वारा यह पहल की गई है. इससे पहले वह घर-घर जाकर मुफ्त रामायण का पाठ करते थे. तिवाड़ी बताते है समिति की 18 अप्रैल 1983 को अयोध्या के संत कृपाशंकर जी रामायणी ने की थी अब-तक 1899 सुंदरकांड का पाठ समिति.
आने-जाने का लगेगा खर्चा
समिति अध्यक्ष गोपालकृष्ण तिवाड़ी बताते है समिति द्वारा मुफ्त सुंदरकांड का पाठ किया जाता है और अगर कोई शहर से बाहर पाठ करवाना चाहता है तो उसके लिए भी वह कोई शुल्क वहन नहीं करते बल्कि वाहन में आने-जाने का भाड़ा आयोजनकर्ता को वहन करना होता है.