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पानीपत6 घंटे पहले
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ढोल बजाकर लाए खच्चर रेहड़ी
- निगम कमिश्नर नहीं थे इसलिए पीए को सौंपी बजरी, चेतावनी दी- मंगलवार तक काम नहीं हुए तो फिर करेंगे प्रदर्शन
सेक्टर- 25 की उखड़ी सड़कों से निकल रही बजरी को शुक्रवार दोपहर को मेयर अवनीत कौर के पिता पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह खच्चर रेहड़ी में लादकर ढोल-नगाड़ों के साथ नगर निगम के कार्यालय में पहुंच गए। भूपेंद्र ने कहा कि निगम कमिश्नर को आए 5 महीने हो गए हैं। इन 5 महीनों में एक भी काम नहीं हुआ है। पार्षद और जनता परेशानी झेल रही है। अधिकारी सिर्फ मीटिंग कर रहे हैं। धरातल पर कुछ भी नहीं है।
उन्होंने 10 अन्य समस्याएं भी गिनवाईं। निगम कमिश्नर के कार्यालय में नहीं मिलने पर पूर्व मेयर ने उनके पीए को बजरी सौंप दी। पूर्व मेयर भूपेंद्र सिंह ने बताया कि उनका आवास सेक्टर- 25 में है। उनके घर के आसपास की सड़कों के हालात इतने बुरे हो गए हैं कि सड़कों पर कई-कई फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। सड़कों से बजरी निकल रही है। इससे दो पहिया वाहन फिसल जाते हैं। हादसे हो रहे हैं। कुछ दिन पहले स्थानीय लोगों ने यह बजरी एकत्रित करके उनके घर के बाहर फेंक दी थी।
इसमें एक रेहड़ी बजरी भरकर वह निगम कार्यालय पहुंचे। उनके साथ स्थानीय लाेग भी थे। ढोल-नगाड़े इसलिए बजाए ताकि अधिकारियों के कान पर जूं तो रेंगे। उन्होंने इस बजरी को निगम कार्यालय में फेंक दिया है। कमिश्नर के कार्यालय में मौजूद नहीं होने के कारण पीए को यह बजरी सौंप दी है। चेतावनी दी कि मंगलवार तक इलाके की सड़कों का मरम्मत कार्य शुरू नहीं हुआ तो वह फिर से प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन के दौरान पूर्व मेयर की निगम कार्यालय में पूर्व पार्षद हरीश शर्मा सहित दो लोगों से तीखी नोकझोंक हो गई। पूर्व पार्षद ने उन पर गंभीर आरोप लगाना शुरू कर दिए। विवाद बढ़ता देख पूर्व मेयर वहां से हट गए। इस मामले में पूर्व मेयर का कहना है कि वह खुद नहीं आए थे। उन्हें भेजा गया था।
ये 10 काम जो बंद पड़े हैं
- सार्वजनिक शौचालय बंद हैंं।
- सेक्टर-25 की सड़कें काफी समय से उखड़ी पड़ी हैं।
- नए ट्यूबवेल नहीं लगे हैं। पुराने खराब पड़े हैं।
- स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं।
- वार्ड की समस्याएं सुनने के लिए कमिश्नर आज तक एक भी वार्ड में नहीं गए।
- पार्क बदहाल हैं। माली तक नहीं हैं। पीने का पानी नहीं है। लाइटें नहीं हैं।
- काेई नया वर्क ऑर्डर नहीं है। जबकि हाउस की बैठक में पास हो चुका है। फाइल पेंडिंग हैं।
- कभी पार्षदाें के साथ बैठक कर समस्याएं नहीं सुनी हैं।
- एक भी नक्शा पास नहीं किया है।
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