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- विभाग के एसेट्स के लिए, एक कंपनी और ट्रस्ट कर्मचारियों के पेंशन संबंधी कार्य के बाद देखेंगे
चंडीगढ़2 घंटे पहले
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![For the assets of the department, a company and trust will look after the pension related work of employees | विभाग की संपत्तियों के लिए बनेगी एक कंपनी और ट्रस्ट देखेगी इंप्लाॅइज के पेंशन संबंधी काम 1 orig 713258851579213884 1604872173](https://images.bhaskarassets.com/thumb/720x540/web2images/521/2020/11/09/orig_713258851579213884_1604872173.jpg)
फाइल फोटो
यूटी चंडीगढ़ प्रशासन ने बिजली विभाग के निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इसके लिए एडवाइजर की प्रमुखता में कमेटी की मीटिंग हुई जिसमें पावर मिनिस्ट्री के प्रतिनिधियों के साथ ही ट्रांजेक्शन एडवाइजर भी शामिल हुए। मीटिंग में कमेटी की मीटिंग में चंडीगढ़ के बिजली विभाग के निजीकरण को लेकर तैयार रिक्वेस्ट फाॅर प्रपोजल(आरएफपी) को फाइनल कर दिया गया है।
जिसके बाद अब कंपनियों से इन नियम व शर्तों पर बिड मंगवाई जाएंगी। वहीं कमेटी की मीटिंग में ये भी फैसला किया है कि एक लैटर ज्वाॅइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेट्री कमीशन (जेईआरसी) को भेजा जाएगा जिसमें इस विभाग को ट्रांसफर किए जाने को लेकर लिखा जाएगा साथ ही ट्रांसफर स्कीम को लेकर पूरी जानकारी इसमें रहेगी।
इस बारे में एडवाइजर ने कहा कि कई बिडर्स यहां पर प्राइवेटाइजेशन के लिए आएंगे, लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में पूरी तरह से पारदर्शिता अपनाई जाएगी। वहीं कर्मचारियों के हितों को भी निजी कंपनी के पास विभाग के जाने के बाद भी सुरक्षित रखने के लिए काम किया जाएगा।
एक कंपनी संभालेगी विभाग की संपत्ति को
वहीं ये भी तय किया गया है कि निजी हाथों में विभाग को देने से पहले विभाग की सभी संपत्तियों को संभालने के लिए एक कंपनी का गठन किया जाएगा। यही कंपनी आगे विभाग की संपत्ति को टेकओवर करेगी। चंडीगढ़ प्रशासन एक ट्रस्ट भी बनाएगा।
ताकि जो भी सरकारी कर्मचारी इस वक्त बिजली विभाग में काम करते हैं उनकी पेंशन संबंधी कार्यों को लेकर कोई विवाद न हो। कमेटी ने ये फैसला किया है कि इसको लेकर भी फैसला किया गया है और ये ट्रस्ट विभाग के निजी हाथों में जाने से पहले ही सभी कर्मचारियों के पेंशन संबंधित कार्यों को लेकर काम पूरा कर लेगी।
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