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बरनाला15 मिनट पहले
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- खेतीबाड़ी विभाग 50 फीसदी सब्सिडी पर मुहैया करवा रहा बेलर मशीन
पर्यावरण के पराली के धुए से हो रहे नुकसान को कम करने के लिए जिले के गांव राजिया के किसान सुखविंदर सिंह पिछले करीब 6 सालों से धान की पराली को संभाल रहे हैं। साथ ही इससे कमाई भी करते हैं।
वह पर्यावरण को दूषित होने से बचाते हीं है वही कानून का भी उल्लंघन नहीं करते। जिससे दोनों की तरफ से उन्हें मान महसूस होता है। उनकी इस कोशिश के चलते जिले के डिप्टी कमिश्नर तेज प्रताप सिंह फूलका व जिले के खेतीबाड़ी अफसर उन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं।
किसान ने बताया कि पराली को संभालना बेहद आसान काम है। अगर किसान जरा सी मेहनत करे तो हम पर्यावरण को जहरीला होने से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पराली की संभाल के लिए वह बेलर से गांठ बनाकर बिजली उत्पादन करने वाली कंपनियों को 1 रुपए प्रति किलो बेचते हैं।
इससे पर्यावरण काे नुकसान से बचाने के साथ ही वह मुनाफा भी कमा रहे हैं। खेतीबाड़ी विभाग द्वारा पराली की संभाल के लिए 50 फीसदी सब्सिडी पर बेलर मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को पराली की संभाल करनी चाहिए।
खेतों से उठने वाले धुएं से वातावरण दूषित होता है और उससे किसान वह किसान के परिवार को भी तकलीफ होती है। इसलिए हमें इस धुँए को उठने से रोकने के लिए अधिक से अधिक मेहनत करनी चाहिए।
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