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चंडीगढ़5 घंटे पहले
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फाइल फोटो
- मुनाफे में चल रहे विभाग को निजी हाथों में सौंपने का फैसला गलत: गोपाल दत्त
यूटी के अलग-अलग विभागों की 18 कर्मचारी यूनियनों से जुड़े कर्मचारियों ने सेक्टर-17 परेड ग्राउंड के सामन प्रदर्शन किया। फैडरेशन ऑफ इम्प्लॉइज एवं वर्कर्स के आह्वान पर हुए प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने 26 नवंबर को हड़ताल का फैसला लिया। इसको लेकर कर्मचारियों ने एसडीएम सेंट्रल को भी अवगत करवा दिया है। प्रदर्शन के दौरान विशेष प्रस्ताव पास कर मुनाफे में चल रहे बिजली विभाग के निजीकरण का फैसला रद्द करने की मांग की।
कहा कि अगर प्रशासन ने पब्लिक को सस्ती व निर्बाध बिजली दे रहे विभाग को कौड़ियों के दाम में निजी मालिकों को बेचने का फैसला रद्द नहीं किया तो फैडरेशन बिजली कर्मचारियों के समर्थन में संघर्ष करेगी और काम को पूरी तरह से ठप रखा जाएगा। आम जनता को होने वाली परेशानी के लिए केन्द्र सरकार और प्रशासनिक अधिकारी जिम्मेदार होंगे। वहीं, किसानों के चल रहे संघर्ष का समर्थन करते हुए किसान विरोधी बिलों को वापस लेने की भी मांग की। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी फैडरेशन के राष्ट्रीय सचिव गोपाल दत्त जोशी ने 26 नवंबर की हड़ताल के बारे में कर्मचारियों को बताया।
इस दौरान 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों पर लागू नई पेंशन स्कीम रद्द कर पुरानी पेंशन लागू करने, डेलीवेज, वर्कचार्ज काॅन्ट्रैक्ट, आउटसोर्स कर्मचारियों को रेगुलर करने, उच्चतम न्यायालय के फैसले अनुसार समान वर्क समान वेतन देने, एमसी कर्मचारियों पर थोपी स्मार्ट घड़ी का फैसला वापस लेने, पंजाब व यूटी कर्मचारियों की 2016 से लंबित छठे पे-कमीशन की रिपोर्ट लागू करने, अप्रैल महीने से लागू डीसी रेट का भुगतान शीघ्र करने की मांग भी की गई।
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