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- आठ तस्कर ऑस्ट्रेलिया में ड्रग्स लेने के लिए ड्रग्स लेते थे, कारों में नशा छुपाने के लिए और फिर तौलिया देने से लेकर सप्लाई तक
लुधियाना17 घंटे पहले
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- लुधियाना और राजपुरा में बनाए चार अड्डों से पंजाब व हरियाणा में सप्लाई होता रहा करोड़ों का नशा
- 28 किलो हेरोइन और 6 किलो बर्फ की दवाओं सहित तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया
- ऑनलाइन दोस्ती के बाद बना लुधियाना व बटाला के तस्करों का गिरोह
(गगनदीप रत्न)
एसीटीएफ द्वारा 28 किलो हेरोइन और 6 किलो आईस ड्रग्स समेत तीन तस्कर काबू किए। जबकि पांच आरोपियों की तलाश है। तस्करों ने अपने चार ऑफिस लुधियाना और राजपुरा में बना रखे थे। जहां बैठकर ही पूरे पंजाब व हरियाणा में होने वाली ड्रग्स की सप्लाई और डिलीवरी को ऑपरेट किया जाता था। ये ऑफिस बस्ती जोधेवाल, लाडोवाल, राजपुरा सिटी और राजपुर फोकल पाॅइंट में बनाए गए थे। जहां कोठी किराए पर लेकर धंधा चल रहा था। वो पिछले दो सालों में कई सौ करोड़ का नशा लाकर बेच चुके हैं।
जिनके लिंक पाकिस्तान के तस्करों के साथ थे, जोकि सोशल मीडिया के जरिए ही उन्हें मिले और फिर उसी के जरिए आठों तस्कर एक-दूसरे के संपर्क में आए। पड़ताल में पता चला कि सभी आरोपी किसी कंसाइनमेंट के आने से पहले तैयारी करने लगते थे और सभी को अलग-अलग काम सौंपा गया था। नशा मंगवाने के लिए हैप्पी रंधावा और सन्नी आस्ट्रेलिया वाॅट्सएप कॉल के जरिए बात करते थे और लोकेशन पता करते। फिर गाड़ियों में नशा छिपाने के लिए खूफिया जगह बनाने का काम राजन, हरमिंदर करते थे।
जिन्होंने कार मकैनिक का काम भी सीखा हुआ है। इसके बाद मंजीत उर्फ मन्ना, विशाल और अंग्रेज सिंह (जोकि बुक्स मार्केट की पार्किंग में काम करता था) हेरोइन की सप्लाई लेने के लिए जाते थे। जबकि तनवीर बेदी नशा ग्राहकों तक सप्लाई करता था। फिलहाल पुलिस को शक है कि आस्ट्रेलिया में बैठे सन्नी के पाकिस्तान में लिंक हैं, जिसके जरिए नशे की सारी डिलिंग होती थी।
लुधियाना में होनी थी 35% ड्रग्स की खपत
शहर में नशे की इतनी बड़ी कंसाइनमेंट मिलने से खुद अधिकारी परेशान हैं, क्योंकि इसमें से 35 फीसदी ड्रग्स की खपत सिर्फ लुधियाना में होनी थी। आकंड़ों की बात करें तो 2017 से अब तक लुधियाना में सिर्फ सवा दो किलो आईस ड्रग्स मिली है। इसके अलावा इस रिकवरी से पहले तक डेढ़ साल में 42 किलो 866 ग्राम हेरोइन एसटीएफ द्वारा बरामद की जा चुकी है। जिसमें पुलिस द्वारा 62 पर्चे दर्ज कर 120 तस्करों को पकड़ा जा चुका है, जिसमें 107 पुरुष और 13 महिलाएं शामिल थीं।
नशा तस्करी के लिए बदला रूट
सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नशा पहले पंजाब में बाॅर्डर एरिया से आता था। लेकिन सख्ती की वजह से अब बड़े तस्कर उन्हें जेएंडके में बुलाते थे। जिसके बाद उनकी गाड़ी ले जाते और उसमें हेरोइन भरकर छोड़ जाते हैं। फिर वो नशा लेकर लुधियाना आ जाते थे। एसटीएफ ने एंडेवर से 18 किलो हेरोइन व 6 किलो आईस जबकि सियाज कार से 10 किलो हेराइन बरामद की गई है।
गाड़ियों के दस्तावेजों में गड़बड़ी
पुलिस ने जब सीयाज गाड़ी की आरसी निकाली तो वो किसी कंपनी की फर्म के नाम पर रजिस्टर है। आरोपी ने बताया कि वो गाड़ी उसने कंपनी से ले रखी थी। लेकिन उसे अपने नाम पर नहीं करवाया, वो फर्म के नाम पर ही चल रही थी। इसके अलावा एंडेवर गाड़ी का कोई दस्तावेज नहीं मिला। वो दिल्ली नंबर की है, फिलहाल पुलिस को लगता है कि कहीं वो चोरी की न हो। लिहाजा इसकी जांच चल रही है। शातिर तस्करों ने पुलिस को धोखा देने के लिए एंडेवर के दरवाजों और डिग्गी को काटकर उसमें हेरोइन छिपा रखी थी।
लुधियाना की रेव पार्टियों में सप्लाई करनी थी आईस
पड़ताल के दौरान पता चला कि जो आईस ड्रग्स पुलिस ने बरामद की, वो हरियाणा, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर में इस्तेमाल होनी थी। जिन्हें इन जिलों और स्टेट के तस्करों ने रेव पार्टीज आर्गेनाइज करने वालों तक पहुंचाना था। जोकि इसे दो गुणा ज्यादा रेट पर बेच देते थे। इससे पहले भी लुधियाना में आईस की खेप बरामद हो चुकी है।
दो आरोपियों पर पर्चे, बाकियों की पड़ताल
आरोपी अंग्रेज सिंह ने बताया कि उसके खिलाफ आधा दर्जन के करीब चोरी और नशा तस्करी के पर्चे दर्ज हैं। इसके अलावा विशाल के खिलाफ भी नशा तस्करी के पर्चे हैं। पुलिस के मुताबिक बाकी के 6 आरोपियों पर भी नशा तस्करी के पर्चे है। जिसके लिए बटाला, अबोहर, राजपुरा के थानों से रिकार्ड चैक किए जा रहें है।
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