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चंबा4 मिनट पहले
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भूकंप के झटकों से हिली धरती
- सुबह 6 बजकर 25 मिनट पर लगे झटके, लोग घरों से बाहर निकले
- 6 महीने में कई बार आ चुके हैं भूकंप, 23 अक्तूबर को हिली थी धरती
हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार के दिन की शुरुआत भूकंप के साथ हुई। सुबह-सुबह चंबा में धरती हिल गई। हालांकि जान माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन लोग दहशत में आ गए। सुबह 6 बजकर 25 मिनट जैसे ही भूकंप के झटके लगे, लोग अपने घरों से बाहर निकले आए। मौसम विभाग के शिमला केंद्र ने इसकी पुष्टि की है। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.9 थी। बता दें कि पिछले छह महीने में हिमाचल कई बार भूकंप के झटके झेल चुका है।
रिक्टर पैमाने पर 2.9 की तीव्रता का भूकंप चंबा, हिमाचल प्रदेश में 0625 घंटे पर आया: नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी
– एएनआई (@ANI) 6 नवंबर, 2020
23 अक्तूबर को भी आया था भूकंप
चंबा और लाहौल स्पीति में गत 23 अक्तूबर को भी भूकंप के हल्के झटके लगे थे। उसकी तीव्रता रिक्टर स्केलल पर 2.7 थी। भूकंप का केंद्र पांच किलोमीटर भूमि के अंदर था। लोगों को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट पर झटके महसूस हुए थे। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि भूकंप के झटके लगते रहेंगे और बड़ी तीव्रता का भूकंप हिला सकता है, जिससे भारी तबाही मच सकती है।
24 अक्तूबर को मंडी में लगे थे झटके
मंडी और बिलासपुर में सुबह साढ़े 10 और पौने 11 के बीच झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इनकी तीव्रता 3.2 मापी गई थी। इस भूकंप के झटके हमीरपुर और ऊना में भी महसूस किए गए थे। हालांकि इस भूकंप से किसी भी तरह का कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन भूकंप का केंद्र बिलासपुर में जमीन की सतह से सात किलोमीटर नीचे था।
चंबा में आते हैं सबसे ज्यादा भूकंप
हिमाचल प्रदेश का चंबा, शिमला, किन्नौर आदि कुछ जिले संवदेनशील जोन में आते हैं। सबसे ज्यादा भूकंप चंबा में आते हैं, हालांकि 1975 में किन्नौर में और 1905 में कांगड़ा में भूकंप आया था। कांगड़ा में जो भूकंप आया था, उसमें हजारों लोगों की जान गई थी।
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