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- Duly Worshiped Sita, Hanuman, Shaligram, Narasimha Including Lord Raghunath, Pray To Lord Raghunath To End The Corona Epidemic
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कुल्लू17 दिन पहले
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कुल्लू में आज भगवान रघुनाथ सहित कई देवी-देवताओं की पूजा अर्चना की गई। फोटो गौरीशंकर
- देवी देवताओं के अस्थाई शिविरों में श्रद्धालु सोशल डिस्टेसिंग के साथ दर्शन
- कोरोना महामारी के चलते भगवान रघुनाथ के शिविर में पहुंच रहे कम श्रद्धालु
अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के दूसरे दिन ऐतिहासिक ढालपुर मैदान में पहुंचे देवी-देवताओं की अस्थाई शिविरों में पारंपारिक वाद्ययंत्रों की देवधूनों के साथ विधिवत पूजा अर्चना हुई। हालांकि उत्सव के दौरान रथयात्रा में भाग लेने के लिए 8 देवी देवता पहुंचे थे लेकिन देर शाम तक तीन और देवी देवता ऐतिहासिक मैदान ढालपुर पहुंचे हैं।

कोरोना महामारी के खात्मे के लिए भगवान से प्रार्थना की
जिसके चलते अब उत्सव में आने वाले देवी देवताओं की संख्या 11 हो गई है। जबकि इसके अलावा भगवान रघुनाथ भी यहां अपने अस्थाई शिविर में पहुंचे हैं। लिहाजा दूसरे दिन 11 देवी देवताओं को भोग लगाया और सुबह की आरती हुई। देवी देवताओं के अस्थाई शिविर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या कम दिखी। वहीं भगवान रघुनाथ के अस्थायी शिविर में प्रात: पूजा के बाद मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह व पुजारियों ने मंत्रोचारण के साथ दूध, दही, शहद, पानी व पंचअमृत, घी, शक्कर, तुलसी, जल के साथ विधिवत स्नान, सफेद वस्त्र, चंदन व कुमकुम के तिलक लगाए। सोने-चांदी के गहनों से माता के हार श्रृंगार कर भगवान रघुनाथ, माता सीता नरसिंह भगवान, शालिग्राम, हनुमान को गद्दी पर बैठाकर विभिन्न प्रकार के फूलों के साथ साज सजावट की।
मंत्रोचारण के साथ 10 वर्णनों में पुष्प, ध्रुव अर्पित किए। उसके बाद धूप, दीप से अर्पित किए गए और फलों का भाेग लगाया। जिसके बाद जुड़ी बुटियों से हवन यज्ञ कर भगवान को अष्टा लगाया जिसके बाद भगवान की आरती हुई। मुख्य छड़ी बरदार महेश्वर सिंह भगवान को पुष्पमाला अर्पित की जिसके बाद भगवान को गर्भगृह में बैठाया गया। जिसके साथ मध्याहन पूजा संपन हुई।
भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबार महेश्वर सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी के खात्मे को लेकर पिछले 7 माह से भगवान रघुनाथ से प्रार्थना करते आ रहे है और देवी देवताओं से शक्ति पूजा में कोरोना के खात्मे के लिए प्रार्थना करते है। उन्होंने बताया कि भगवान रघुनाथ के मंदिर सुल्तानपुर में भी दैनिक पूजा अर्चना होती है और जिसमें प्रात: पूजा के बाद मध्याहन पूजा में मंत्रोचारण के साथ भगवान का स्नान हार श्रृंगार किया जाता है।
जिसके बाद चौथा पहर पूजा व सांयकाल आरती व शैयर आरती होती है। उन्होंने कहाकि श्रद्वालु रघुनाथ के पास नहीं आएगे तो कैसे भजन कीर्तन होगा और सोशल डिस्टेसिंग के साथ श्रद्धालुओं को आने की व्यवस्था की है। ऐसे में प्रशासन को भगवान रघुनाथ के मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग के आने दिया जाए ताकि सभी लोग ग्रामीण क्षेत्रों से दूर-दूर से आते है जिससे भगवान दर्शन करने मौका मिलता है।उन्होंने कहाकि प्रशासन को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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