स्वयंसेवक श्रेष्ठ व आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को धारण करें : डॉ. कमल गुप्ता

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TNT News: स्वयंसेवकों को आत्म-निर्भर व अच्छा नागरिक बनकर समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ लडऩा चाहिए। इसके लिए हमें एकजुट होकर एक भारत, श्रेष्ठ व आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को धारण करें और उसी दिशा में व्यवहारिक रूप से काम करें। हम भाष, रूप, वेशभूषा, रहन-सहन आदि में अलग हो सकते हैं लेकिन सबसे पहले हम भारतीय है। ये विचार हकृवि के कृषि महाविद्यालय सभागार में आयोजित सात दिवसीय राष्ट्रीय एकता शिविर के समापन समारोह में मुख्यातिथि स्थानीय शहरी निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने कहे। उन्होंने कहा कि आज हम सशक्त और शक्तिशाली है, कभी वो समय था जब हमारे देश पर अंग्रेजी हुकुमतों ने 200 साल तक शासन कर अत्याचार किए और हमारी सभ्यता को नष्ट करने का काम किया। उस समय महारानी लक्ष्मीबाई, महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी जैसे वीर सपूतों और सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जैसे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने हमारी सभ्यता को अपने प्राण न्यौछावर कर बचाया। इसलिए हमें छोटे-बड़े अवसरों पर ऐसे शहीदों को याद करना चाहिए। समापन समारोह में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, नई दिल्ली में क्षेत्रीय निदेशक जैंगजिलांग विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

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स्वयंसेवकों को सकारात्मक सोच के साथ समाज को आगे बढ़ाने की जरूरत : जैंगजिलांग

क्षेत्रीय निदेशक जैंगजिलांग ने कहा कि राष्ट्रीय एकता शिविर में भारत के विभिन्न राज्यों से आए स्वयंसेवकों ने एक-दूसरे की संस्कृति, वेशभूषा और भाषा को जाना है, जिससे वे अपने अंदर अनुशासन, व्यक्तित्व विकास, समाज सेवा जैसे गुणों को पैदा कर समाज की कुरीतियों से लडक़र उत्थान करने का काम करें। राष्ट्रीय एकता शिविर में स्वयंसेवकों ने छोटे भारत के स्लोग्न की झलक भी दिखाई है, जोकि अनेकता में एकता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि स्वयंसेवकों को सकारात्मक सोच के साथ दूसरोंं को साथ लेकर आगे बढऩे की जरूरत है। क्योंकि युवा शक्ति पर ही इस देश का भार टिका हैं। साथ ही कैंप में नारी शक्ति, जय जवान जय किसान के स्लोग्नों को भी चरितार्थ किया गया, जोकि देश की अखंडता व एकता को दर्शाता है।

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स्वयंसेवकों ने शिविर के अनुभवों को मुख्यातिथि के सामने किए साझा

इस शिविर में देश के 13 राज्यों जिनमें उड़ीसा, पंजाब, असम, सिक्किम, महाराष्ट्र, तेलंनगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलानाडू, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर व हरियाणा राज्यों के स्वयंसेवकों ने भाग लिया था, जिनके साथ 13 कार्यक्रम अधिकारी भी मौजूद रहे। तमिलनाडू के कृष्णा, पश्चिम बंगाल के एसके शाहाबाज हुसैन और जम्मू-कश्मीर की फराहना मंजूर स्वयंसेवकों ने शिविर के अनुभवों को मुख्यातिथि के सामने साझा किए। समारोह के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न राज्यों से आए स्वयंसेवकों ने अपने लोक-नृत्य की प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध किया। मंच संचालन छात्रा अन्नू ने किया। छात्र कल्याण  निदेशक डॉ. अतुल ढींगड़ा ने सभी का स्वागत किया, जबकि कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एसके पाहुजा ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। समारोह के दौरान मुख्यातिथि ने विजेताओं को प्रशिस्त पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डॉ. अनिल ढाका, राष्ट्रीय सेवा योजना अवार्डी डॉ. भगत सिंह, शिविर समन्यवक डॉ. चंद्रशेखर डागर, दिल्ली से आए मनोज व देशराज सहित सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।

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