Diwali 2020 Preparation In Bihar Patna Update: 2000 Police Jawan Deployed For Security | दो हजार सिपाहियों पर 12 करोड़ लोगों की जान बचाने का जिम्मा

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पटनाएक घंटा पहलेलेखक: मनीष मिश्रा

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फायर ब्रिगेड के पास नहीं हैं पर्याप्त संसाधन।

  • पटना में 7 फायर स्टेशन पर महज 28 गाड़ियां, सुरक्षा का दावा कैसे होगा पूरा
  • घनी आबादी वाली राजधानी भी आग से सुरक्षा को लेकर महफूज नहीं

बिहार के 12 करोड़ लोगों को आग की घटना से बचाने का दावा दो हजार सिपाहियों के दम पर किया जाता है। संसाधन की कमी से हांफ रहा अग्निशमन विभाग आग की बड़ी घटना से कैसे पार पाएगा, यह बड़ा सवाल है। घनी आबादी वाली राजधानी भी आग से सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से महफूज नहीं है। महज 7 फायर स्टेशनों की 28 गाड़ियों पर पूरे पटना की सुरक्षा का दावा है। दीपावली का त्योहार जब भी आता है तो अग्निशमन विभाग के अफसरों के हाथ-पैर फूलने लगते हैं, क्योंकि यह त्योहार ऐसा होता है, जब एक साथ कई जगहों पर आग की घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।

बढ़ती गई आबादी, नहीं बढ़े संसाधन
आबादी तेजी से बढ़ रही है। आधुनिक संसाधन भी खूब बढ़ रहे हैं। इस कारण आग का खतरा भी खूब बढ़ रहा है। आज भी अग्निशमन विभाग संसाधन के अभाव में है। आबादी के हिसाब से न तो संसाधन बढ़ाए गए और ना ही फोर्स की बहाली हो पाई। मौजूदा समय में प्रदेश में 106 फायर स्टेशन सक्रिय हैं। 14 नए स्टेशनों का प्रस्ताव फाइलों में धूल फांक रहा है। एक फायर स्टेशन का दायरा काफी बड़ा होता है। बड़ी आबादी में आग की घटना से बचाव को लेकर न सिर्फ संसाधन की व्यवस्था होनी चाहिए, बल्कि फोर्स भी पर्याप्त संख्या में होने चाहिए। लेकिन, प्रदेश के किसी भी जिले में पर्याप्त संसाधन नहीं है। पटना राजधानी है और यहां भी महज 28 गाड़ियां ही हैं।

दीपावली में याद आता है विभाग
फायर स्टेशनों और वहां की व्यवस्था की याद अफसरों को दिवाली में ही आती है। ऐसा इसलिए कि दिवाली आतिशबाजी का त्योहार है और इसमें एक साथ कई स्थानों पर आग लगने की घटनाएं होने का खतरा बना रहता है। कई बार ऐसी घटनाएं हुई भी हैं, जिनमें फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी है। इस बार कोरोना काल में दिवाली और मुश्किल समय लेकर आई है। दिवाली आने के साथ ही अफसरों के हाथ-पैर फूलने लगे हैं। संसाधन जुटाए जा रहे हैं और इसी दम पर सुरक्षा के दावे भी किए जा रहे हैं।

विस्फोटक है घनी आबादी में पटाखों की बिक्री
घनी आबादी में पटाखों की बिक्री काफी खतरनाक है। पटना सिटी दिवाली के समय हमेशा बारूदों के ढेर पर रहता है। इसके बाद भी इस क्षेत्र में न तो पटाखों के कारोबारियों पर कार्रवाई होती है और ना ही फायर स्टेशन पर संसाधन ही बढ़ाए जाते हैं। यह मनमानी कभी भी भारी पड़ सकती है।

डीआईजी से सुरक्षा पर सवाल
दिवाली में बिहार की बड़ी आबादी की सुरक्षा को लेकर जब अग्निशमन विभाग के डीआईजी पंकज सिन्हा से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि विभाग सुरक्षा को लेकर हमेशा गंभीर रहता है। विभाग के सिपाही, अग्निक हमेशा जान पर खेल कर आग की घटनाओं में लोगों की संपत्ति और जान-माल बचाते हैं। संसाधन के सवाल पर उनका कहना है कि जब आग की कोई बड़ी घटना होती है तो आसपास के फायर स्टेशनों से मदद ले ली जाती है। उन्होंने कहा कि जो भी संसाधन हैं, उनमें सुरक्षा की पूरी तैयारी रहती है। दिवाली के दिन टीम पूरी तरह से अलर्ट रहती है।

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