disadvantages of greed, motivational story about greed, inspirational story about greed man, we should remember these tips about greed | कभी भी अनुचित लाभ के चक्कर में फंसना नहीं चाहिए, क्योंकि छोटा सा लालच भी बड़ा नुकसान करवा सकता है

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एक महीने पहले

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  • एक ग्वाले से व्यापारी ने कहा गाय की घंटी बहुत सुंदर है, इसे मुझे दोगुने पैसों में बेच दो, ग्वाले ने घंटी बेच दी, अगले ठग उसकी गाय चुरा ले गया

छोटा सा अनुचित लाभ, हमारा बड़ा नुकसान करवा सकता है। लालच की वजह से हम ऐसी परेशानियों में फंस सकते हैं, जिसकी वजह से जीवन बर्बाद हो सकता है। लालच कैसे नुकसान करवाता है, इस संबंध में एक लोक कथा प्रचलित है।

प्रचलित कथा के अनुसार पुराने समय में एक ग्वाला रोज अपनी गायों को चराने के लिए जंगल ले जाता था। सभी गायों के गले में छोटी-छोटी घंटियां बंधी थीं। उस ग्वाले की एक गाय बहुत ही सुंदर थी, उसके गले में सबसे अलग और बड़ी घंटी बंधी थी। ग्वाला उस गाय का विशेष ध्यान रखता है।

एक दिन जंगल से एक ठग गुजर रहा था। उसने सुंदर गाय को देखा तो उसे चुराने की योजना बनाने लगा। गाय के गले में घंटी बंधी थी। इस कारण वह उसे आसानी से लेकर नहीं जा सकता था। ठग उस ग्वाले से जाकर मिला और बोला कि भाई मैं एक व्यापारी हूं। मुझे तुम्हारी गाय के गले में बंधी घंटी बहुत अच्छी लगी है। इसकी कीमत क्या है?

ग्वाले ने उत्तर दिया कि ये घंटी बीस रुपए की है। व्यापारी बने ठग ने ग्वाले से कहा कि मैं तुम्हें इस घंटी के चालीस रुपए दे देता हूं। तुम मुझे ये घंटी दे दो। ग्वाले ने सोचा कि बीस रुपए ज्यादा मिल रहे हैं तो मैं इस घंटी को बेच देता हूं।

ग्वाले ने चालीस रुपए लेकर घंटी उस ठग को दे दी। ठग उस समय घंटी लेकर वहां से चला गया। ग्वाला भी 20 रुपए ज्यादा लेकर खुश था। अब उसकी सबसे सुंदर और कीमती गाय के गले में घंटी नहीं थी। लापरवाह ग्वाला एक जगह बैठा था। ग्वाले को मालूम ही नहीं चला और उसकी गाय घास चरते-चरते थोड़ी दूर चली गई।

ठग ने मौका पाकर उस गाय की रस्सी पकड़ी और उसे अपने साथ ले गया। गाय के गले में घंटी नहीं थी, इस कारण ग्वाले को अंदाजा भी नहीं लगा कि उसकी गाय चोरी हो गई है। शाम को जब उसे गाय नहीं दिखाई दी और वह उसे खोजने लगा।

बहुत खोजने के बाद भी उसे गाय दिखाई नहीं दी। वह निराश होकर अपने घर लौट आया। पूरी बात अपने पिता को बताई। पिता बुद्धिमान थे, वे तुरंत समझ गए कि वह व्यक्ति व्यापारी नहीं था, वह ठग था। इसीलिए तुम्हें थोड़े ज्यादा पैसों का लालच दिया और तुमने घंटी उतारकर उसे दे दी।

पिता ने पुत्र को समझाया कि हमें कभी भी छोटे से अनुचित के चक्कर में नहीं फंसना चाहिए। आज 20 रुपए लालच में हमारी सबसे सुंदर गाय चोरी हो गई है। लालच से कभी भी सुख नहीं मिलता है, इस बुराई से बचना चाहिए।

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