Corona test will also be done in the dental college of the patient who has come for treatment | इलाज के लिए आए मरीज के अब डेंटल कॉलेज में भी किए जाएंगे कोरोना टेस्ट

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शिमला3 दिन पहले

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फाइल फोटो

  • नहीं जाना पड़ेगा आईजीएमसी, समय भी बचेगा-इलाज भी जल्द होगा शुरू

डेंटल कॉलेज शिमला में आने वाले मरीजाें का अब काेराेना टेस्ट करवाने के लिए ना ताे आईजीएमसी भेजा जाएगा अाैर ना ही टेस्ट रिपाेर्ट आने तक उन्हें इलाज के लिए इंतजार करना पड़ेगा। अब डेंटल कॉलेज शिमला में ही मरीजाें के साथ-साथ सभी फैकल्टी मेंबर्स, स्टूडेंट्स के काेराेना टेस्ट किए जा सकेंगे। प्रशासन ने इसके लिए प्राेसेस शुरू कर दिया है। कॉलेज के लिए अलग से काेराेना किट्स भी मंगवा ली हैं।

जिसमें जल्द ही रिपाेर्ट भी आ जाएगी। टेस्ट करने के लिए कॉलेज परिसर में अलग से चैंबर बनाया जाएगा। इस चैंबर में सर्दी, जुकाम के लक्षण वाले मरीजाें के काेराेना टेस्ट किए जाएंगे। वहीं इन किट्स में तुरंत रिपाेर्ट आएगी। रिपाेर्ट नेगेटिव आने के बाद मरीजाें का इलाज किया जाएगा। इससे दूर दराज से आने वाले मरीजाें का काफी फायदा हाेगा क्याेंकि आईजीएमसी में टेस्ट करवाने के लिए उनका काफी समय खराब हाेता था।

डेंटल कॉलेज में मरीजाें का दांताें का हर तरह का इलाज दिया जाता है। यहां पर साधारण एक्सरे के साथ-साथ जबड़े के एक्सरे करने की भी सुविधा है। दुर्घटना के दाैरान कई बार मरीजाें के जबड़े या दांताें का ऑपरेशन आदि भी यहीं पर किया जाता है।

इसके अलावा दांताें की किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए भी यहां पर विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात हैं। कॉलेज में प्रदेशभर के मरीजाें का दांताें की गंभीर बीमारियाें इलाज के लिए यहां पर रेफर किया जाता है, यहां पर मरीज के दांताें का पूरी तरह से इलाज किया जाता है।

सैंपल लेने के लिए अलग से बनाया जाएगा चैंबर, रिपोर्ट भी जल्दी

अभी तक नहीं हाे रहे थे टेस्टः डेंटल कॉलेज में अभी तक टेस्ट नहीं हाे पा रहे थे। यहां पर इलाज के लिए आने वाले मरीजाें जिन्हें सर्दी जुकाम के लक्षण हाेते थे उन्हें आईजीएमसी में काेराेना टेस्ट के लिए भेजा जाता था। आईजीएमसी में टेस्ट करवाने के बाद उन्हें रिपाेर्ट के लिए शाम तक इंतजार करना पड़ता था।

कई बार दूसरे दिन भी रिपाेर्ट मिलती थी। अगर रिपाेर्ट नेगेटिव आती थी ताे उसके बाद ही उन्हें इलाज दिया जाता था। डेंटल कॉलेज प्रदेश का एकमात्र सरकारी संस्थान हैं, जहां पर प्रदेशभर से दांताें के इलाज के लिए लाेग आते हैं। ऐसे में यहां पर संक्रमण का खतरा भी ज्यादा रहता है।

इलाज करने वाले डाॅक्टराें का भी कम हाेगा खतराः

डेंटल कॉलेज में काेराेना टेस्ट शुरू हाेने के बाद यहां पर डाॅक्टराें और अन्य स्टाफ के संक्रमित हाेने का खतरा भी कम रहेगा। क्याेंकि यहां पर आने वाले हर संदिग्ध मरीज का काेराेना टेस्ट किया जा सकेगा। अभी तक टेस्ट की सुविधा ना हाेने के कारण कई बार इमरजेंसी में संदिग्ध मरीजाें का इलाज भी करना पड़ता था।

क्याेंकि रिपाेर्ट आने तक इंतजार नहीं किया जा सकता था। इससे डाॅक्टराें के संक्रमित हाेने का डर बना रहता था। मगर अब काेराेना की रिपाेर्ट यहां पर साथ ही आ जाएगी। जिसके बाद यहां पर इलाज भी शुरू किया जा सकेगा।

डेंटल कॉलेज प्रशासन अब अपने स्तर पर ही काेराेना टेस्ट करेगा। इसके लिए टेस्टिंग किट्स मंगवा दी गई है। अलग से चैंबर बनाया जाएगा। टेस्ट की रिपाेर्ट भी साथ ही आएगी। रिपाेर्ट नेगेटिव आने के बाद मरीजाें का इलाज शुरू किया जा सकेगा।
डाॅ. आशु गुप्ता, प्रधानाचार्य डेंटल कॉलेज शिमला

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