Commercial construction will also be approved on tight markets and revenue road smaller than 60 feet | तंग बाजारों और 60 फीट से छोटी रेवेन्यू रोड पर भी मिलेगी कॉमर्शियल निर्माण की मंजूरी

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जालंधर24 मिनट पहले

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  • निगम ने मंजूरी के लिए जोनिंग सर्वे चीफ टाउन प्लानर
  • चारों हलकों के पुराने बाजारों और छोटी सड़कों पर नए कॉमर्शियल निर्माण का नक्शा पास हो सकेगा

निगम दायरे में कम चौड़ी सड़कों और पुराने बाजार में अब काॅमर्शियल निर्माण के लिए नक्शा पास कराने और पुराने निर्माण को रेगुलर करवाने का रास्ता साफ हो चुका है। मास्टर प्लान के अनुसार 60 फीट चौड़ी सड़क की शर्त में बदलाव कर छोटी सड़कों पर काॅमर्शियल निर्माण के लिए चारों विधानसभा हलकों में किए गए सर्वे की रिपोर्ट पंजाब टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के चीफ टाउन प्लानर के पास निगम कमिश्नर ने भेजी है। मंजूरी के बाद छोटी सड़कों और पुराने बाजार में अवैध निर्माण रेगुलर होने और नक्शा पास होने की मंजूरी शुरू हो जाएगी।

निगम हाउस में पहले से पास किए गए प्रस्ताव के बाद चारों कांग्रेस एमएलए की सिफारिश पर हलका स्तर पर सभी छोटे रेवेन्यू रोड और बाजार का बिल्डिंग ब्रांच की टीम ने सर्वे किया था। सरकार की मंजूरी के बाद आजादी के पहले से बने शेखां बाजार, अटारी बाजार, गुड़मंडी में भी काॅमर्शियल नक्शा पास हो सकेगा, जहां छोटी सड़क होने के कारण अब तक अवैध निर्माण ही होता रहा है। नए जोनिंग सिस्टम में रेवेन्यू रोड पर 60 फीट से कम और बाजारों में 33 फीट से कम चौड़ी सड़क पर काॅमर्शियल निर्माण के लिए निगम मंजूरी देगा। इससे निगम को करोड़ों रुपए की आमदन होगी।

इन रेवेन्यू रोड पर अवैध काॅमर्शियल निर्माण होगा रेगुलर

सर्वे में कहा गया है कि सिटी में कई रेवेन्यू रोड 90 फीसदी तक काॅमर्शियल निर्माण हो चुका है। मास्टर प्लान के अनुरूप 60 फीट से कम चौड़ी रोड पर काॅमर्शियल निर्माण के लिए मंजूरी नहीं दे सकते, इसलिए अवैध निर्माण होता और निगम को रेवेन्यू का भी नुकसान होता है। 60 फीट से कम चौड़ी व रेवेन्यू रोड जहां अब काॅमर्शियल निर्माण की मंजूरी मिलेगी, उसमें लद्देवाली, मिट्ठापुर रोड, बड़िंग रोड, काला संघिया रोड, सलेमपुर मुसलमाना रोड, लम्मा पिंड रोड शामिल हैं।

शहर के 33 बाजारों के दुकानदारों को मिलेगी राहत…नए जोनिंग सिस्टम से सिटी के पुराने और तंग गलियों वाले 33 बाजार के दुकानदारों को काफी राहत मिलेगी। जो अब तक चोरी-छिपे अवैध तरीके से निर्माण करते हैं। इसमें अधिकांश पुराने बाजार सेंट्रल हलके में आते हैं।

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